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बरेली में झोलाछाप की करतूत बेनकाब: फर्जी डॉक्टर का क्लिनिक सील, बच्चों से करवा रहा था इलाज और मजदूरी

बरेली में झोलाछाप की करतूत बेनकाब: फर्जी डॉक्टर का क्लिनिक सील, बच्चों से करवा रहा था इलाज और मजदूरी


बरेली।
शहर के कांकरटोला क्षेत्र में संचालित एक झोलाछाप क्लिनिक का सच सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम भी हैरान रह गई। ‘फैज़ क्लिनिक’ नाम से संचालित यह फर्जी चिकित्सालय न सिर्फ बिना पंजीकरण चल रहा था, बल्कि यहां बीमार बच्चों को भर्ती कर उनसे क्लिनिक की सफाई, दवा बांटने और अन्य काम भी करवाए जा रहे थे।

इस अमानवीय कृत्य की शिकायतें लंबे समय से मिल रही थीं। शुक्रवार दोपहर, सीएमओ के निर्देश पर गठित विशेष टीम ने जब मौके पर छापा मारा, तो सारा फर्जीवाड़ा उजागर हो गया।

शिकायतों के बाद हरकत में आया प्रशासन, सीएमओ की टीम ने की बड़ी कार्रवाई

जिलाधिकारी के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विश्राम सिंह के आदेश पर डिप्टी सीएमओ डॉ. लईक अहमद अंसारी ने एक जांच दल गठित किया जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी राहुल शर्मा, मुकेश कुमार और मदनलाल शामिल थे। टीम ने शुक्रवार को फैज़ क्लिनिक पर अचानक छापा मारा।

न मेडिकल डिग्री, न पंजीकरण – फिर भी चल रहा था इलाज का खेल

जांच में सामने आया कि आरोपी व्यक्ति न तो किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से डॉक्टर है और न ही उसके पास मेडिकल प्रैक्टिस का लाइसेंस। इसके बावजूद वह गंभीर रूप से बीमार बच्चों को भर्ती कर इलाज कर रहा था। साथ ही उन्हीं बच्चों से झाड़ू-पोंछा, मरीजों की देखभाल और दवा वितरण जैसे काम करवा रहा था, जो बाल श्रम कानून का सीधा उल्लंघन है।

फर्जी पर्चियां, संदिग्ध दवाएं और वीडियो फुटेज भी बरामद

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने क्लिनिक से फर्जी प्रिस्क्रिप्शन पर्चियां, बिना लाइसेंस वाली दवाएं, और बच्चों से कराए गए कार्यों के वीडियो फुटेज जब्त किए हैं। आरोपी के खिलाफ मेडिकल एक्ट, चाइल्ड लेबर एक्ट और मानवाधिकार हनन की धाराओं में एफआईआर दर्ज की जा रही है।

सीएमओ ने दी चेतावनी: “फर्जी डॉक्टरों को नहीं मिलेगी कोई राहत”

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विश्राम सिंह ने सख्त लहजे में कहा,

“जो लोग बिना योग्यता और बिना लाइसेंस के इलाज के नाम पर बच्चों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। हम लगातार छापेमारी कर रहे हैं, और आम जनता से भी अपील है कि ऐसे फर्जी डॉक्टरों की सूचना तुरंत विभाग को दें।”

डिप्टी सीएमओ डॉ. लईक अहमद अंसारी ने बताया कि यह मामला बेहद गंभीर है और ऐसे अवैध क्लीनिक अब प्रशासन की रडार पर हैं।

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