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रिश्वत लेते पकड़े गए CDPO कृष्ण चंद्र निलंबित,वीडियो वायरल, महिला अभ्यर्थी से नौकरी के नाम पर मांगी थी 1.65 लाख की रिश्वत

रिश्वत लेते पकड़े गए CDPO कृष्ण चंद्र निलंबित,वीडियो वायरल, महिला अभ्यर्थी से नौकरी के नाम पर मांगी थी 1.65 लाख की रिश्वत


बरेली।
बाल विकास विभाग की कार्यप्रणाली पर उस वक्त बड़ा सवाल खड़ा हो गया जब आंगनबाड़ी पद की भर्ती के नाम पर रिश्वतखोरी का मामला सामने आया। बाल विकास परियोजना अधिकारी (CDPO) कृष्ण चंद्र को 1.65 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए कैमरे में कैद किया गया, जिसके वीडियो के वायरल होते ही हड़कंप मच गया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने तुरंत जांच के आदेश दिए। प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए गए, जिसके बाद मुख्य विकास अधिकारी (CDO) जगप्रवेश ने CDPO को दोषी मानते हुए निलंबन की संस्तुति शासन को भेजी। बुधवार शाम शासन की तरफ से CDPO कृष्ण चंद्र को निलंबित कर दिया गया।

भर्ती में चल रहा था भ्रष्टाचार का खेल

बरेली में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के 301 पदों पर चयन प्रक्रिया के बाद शिकायतों की बाढ़ सी आ गई थी। कई अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि भर्ती के नाम पर अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा धन वसूली की जा रही है। इसी बीच सामने आया एक चौंकाने वाला मामला, जहां आवेदिका वीरवती से नौकरी के नाम पर 1.65 लाख रुपये की डील की गई। वीरवती ने यह रकम एक कार में CDPO को दी। लेकिन जब दूसरी अभ्यर्थी आशा ने CDPO से ढाई लाख रुपये देने की बात कही, तो वीरवती के आवेदन में जानबूझकर त्रुटि कराकर उसे बाहर कर दिया गया, और अधिक पैसे देने वाली अभ्यर्थी को चुन लिया गया।

वायरल वीडियो ने खोली पोल, विभाग में मचा हड़कंप

वीरवती द्वारा दी गई रिश्वत का वीडियो वायरल होते ही मामले ने तूल पकड़ लिया। जिलाधिकारी ने सीडीओ को जांच सौंपी। CDO की रिपोर्ट में साफ लिखा गया कि CDPO ने भ्रष्टाचार किया है, पद का दुरुपयोग किया है और चयन प्रक्रिया को प्रभावित किया है।डीएम रविंद्र कुमार ने बताया, "जनसुनवाई के दौरान जब यह शिकायत आई तो तुरंत जांच कराई गई। आरोप सही पाए जाने पर शासन को रिपोर्ट भेजी गई। अब निलंबन की कार्रवाई भी हो गई है।"

शाहजहांपुर से अटैच, विभागीय जांच शुरू

निलंबन के बाद कृष्ण चंद्र को जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय, शाहजहांपुर से संबद्ध किया गया है। साथ ही उप निदेशक (मुख्यालय) को जांच अधिकारी नामित किया गया है, जो इस मामले में विभागीय कार्रवाई की निगरानी करेंगे।

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