योगी को जेल भिजवाने की कोशिश करने वाला अब खुद बनेगा योगी सरकार का सरकारी वकील!
बरेली से लखनऊ तक मचा हड़कंप, वकीलों ने खोली पोल, लखनऊ पहुंचा शिकायतों का पुलिंदा
बरेली से लखनऊ तक चर्चा का विषय बने लवलेश पाठक
बरेली। उत्तर प्रदेश की राजनीति और वकालत की दुनिया में इन दिनों एक नाम तेजी से सुर्खियां बटोर रहा है — अधिवक्ता लवलेश पाठक। वजह है चौंकाने वाली! जिस व्यक्ति ने कभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जेल भिजवाने की कोशिश की थी, अब वही योगी सरकार में सरकारी वकील यानी DGC (Crime) बनने की दौड़ में सबसे आगे है।
कौन हैं लवलेश पाठक?
बरेली के वरिष्ठ अधिवक्ता कभी समाजवादी पार्टी (SP) के करीबी रहे पाठक। योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा करने वाले वकील सत्ता बदलते ही भाजपा नेताओं के नजदीक पहुंचे। उसके बाद वह भाजपा विधि प्रकोष्ठ में पदाधिकारी बने।
कोर्ट में दायर किया था योगी के खिलाफ केस
समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान लवलेश पाठक ने तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ के खिलाफ धार्मिक उन्माद भड़काने का केस बरेली कोर्ट में फाइल किया था। हालांकि कोर्ट ने इस मुकदमे को राजनीति से प्रेरित मानते हुए खारिज कर दिया था।
सत्ता बदली, खेल भी बदल गया
सत्ता में भाजपा आई तो लवलेश पाठक का राजनीतिक रुख भी बदल गया। समाजवादी पार्टी से भाजपा तक का उनका सफर इतना सहज रहा कि आज वे सरकारी वकील (DGC क्राइम) के लिए सबसे मजबूत दावेदार बन गए हैं।
लखनऊ में पहुंचा शिकायतों का पुलिंदा
बरेली के कई वरिष्ठ वकीलों ने इस नियुक्ति का विरोध करते हुए लवलेश पाठक के खिलाफ लखनऊ में शिकायत दर्ज कराई है। आरोप है कि लवलेश पाठक अभी भी दिल से सपा समर्थक हैं और भाजपा की विचारधारा से उनका कोई सरोकार नहीं है।
लखनऊ से मिल रहे संकेत – हो सकती है बड़ी कार्रवाई
सूत्रों की मानें तो लखनऊ में सरकार के शीर्ष स्तर पर इस पूरे मामले की जांच की जा रही है। अगर सबकुछ सही साबित हुआ तो लवलेश पाठक की नियुक्ति पर संकट के बादल गहरा सकते हैं।
सवाल वही - क्या योगी आदित्यनाथ देंगे ऐसे व्यक्ति को जिम्मेदारी?
जिस वकील ने कभी सीएम योगी को जेल भेजने का सपना देखा था, क्या वही वकील अब योगी सरकार की तरफ से सरकारी केस लड़ेगा। इस सवाल का जवाब आने वाला वक्त ही देगा, लेकिन बरेली से लखनऊ तक मची हलचल ने यह साफ कर दिया है कि इस कहानी में अभी कई ट्विस्ट बाकी हैं।
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