आंवला में इजरायल विरोधी पोस्टरों से सांप्रदायिक तनाव, गहराई से जांच में जुटी पुलिस
भड़काऊ संदेशों ने बिगाड़ा माहौल, 11 नामजद और कई अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज
बरेली। बरेली के आंवला कस्बे में मंगलवार सुबह उस समय सनसनी फैल गई, जब मस्जिदों, घरों और सार्वजनिक स्थलों पर इजरायल विरोधी और भारत की विदेश नीति के खिलाफ भड़काऊ पोस्टर चस्पा मिले। पोस्टरों की भाषा न केवल उकसाने वाली थी, बल्कि समुदाय विशेष को भड़काकर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की मंशा भी स्पष्ट रूप से झलक रही थी।
इन पोस्टरों में लिखा गया था —
“जो इजरायली प्रोडक्ट का बहिष्कार नहीं करेगा, वह गाज़ा के मासूम बच्चों का कातिल होगा।”
ऐसे भावनात्मक और कट्टरपंथी संदेशों ने आम लोगों के बीच आक्रोश और चिंता दोनों को जन्म दिया।
पुलिस ने तुरंत संभाला मोर्चा
सोशल मीडिया और स्थानीय सूत्रों से मिली सूचना के बाद थाना आंवला प्रभारी प्रमोद कुमार ने तत्काल क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी। दरोगा सचिन कुमार, हेड कांस्टेबल महेश कुमार व कांस्टेबल बृजेश कुमार ने अपनी टीम के साथ मिलकर सभी आपत्तिजनक पोस्टर हटवाए और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।
गहरी साजिश की आशंका, कई नामजद
पुलिस ने शुरुआती जांच और वायरल तस्वीरों के आधार पर तहसीन पुत्र तालिब अंसारी, हारून पुत्र मेहंदी हसन, हसन पुत्र युनुस, साकिब पुत्र नासिर अंसारी, आकिब पुत्र कदीर अंसारी, जोयब पुत्र जकीर अंसारी, अरमान पुत्र अब्दुल बटूद, रिजवान पुत्र अफजल, जावेद अख्तर पुत्र कबीर अहमद सहित कुल 11 नामजद और कई अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
कानून की धाराएं बेहद गंभीर
इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए (धर्म के नाम पर वैमनस्य फैलाना), 295ए (धार्मिक भावनाओं का अपमान), 505(2) (सार्वजनिक शांति में खलल डालना), 120बी (आपराधिक साजिश) समेत राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी धाराओं में केस दर्ज हुआ है।
पुलिस और खुफिया एजेंसियों की पैनी नजर
सूत्रों के मुताबिक, यह घटना केवल एक विरोध नहीं बल्कि किसी पूर्वनियोजित सांप्रदायिक साजिश का हिस्सा हो सकती है। पुलिस साइबर सेल की मदद से सोशल मीडिया पर प्रसारित तस्वीरों और फुटेज की बारीकी से जांच कर रही है। LIU और ATS की टीमें भी अलर्ट मोड पर हैं।
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