बरेली : ट्रक चोरी कर कोर्ट से झूठे मुकदमे लिखवाकर 6 करोड़ का क्लेम हड़पने वाला गैंग गिरफ्तार
बरेली। थाना कैण्ट पुलिस और एसओजी टीम को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। ट्रक चोरी कर उनकी नंबर प्लेट, आरसी, इंश्योरेंस व दस्तावेजों की फर्जी फाइल तैयार कर फाइनेंस कंपनियों से करोड़ों रुपये का क्लेम लेने वाले गैंग का पर्दाफाश किया गया है। इस गिरोह के 5 शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने 2 ट्रक, फर्जी नंबर प्लेट और अन्य दस्तावेज भी बरामद किए हैं।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम:
1. शाकिर उर्फ भूरा मास्टर पुत्र चाऊ खां – निवासी मोहनपुर, थाना कैण्ट
2. आरिफ पुत्र शब्बीर – निवासी मजरिया, थाना बहेड़ी
3. सोहेल पुत्र इरफान अली – निवासी पदारथपुर, थाना बिथरी चैनपुर
4. सैफउद्दीन पुत्र अनीसउद्दीन – निवासी रोहिली टोला, थाना बारादरी
5. ईशाक अली पुत्र सूखा शाह – निवासी पचदोरा दोरिया, थाना भोजीपुरा
गिरफ्तारी का घटनाक्रम:
थाना आंवला क्षेत्र से चोरीशुदा ट्रक संख्या UP38T4093 को दो फर्जी नंबर प्लेट UP25ET5567 व BAT4179 के साथ जब्त किया गया। पूछताछ में शाकिर उर्फ भूरा मास्टर की निशानदेही पर बरेली के ट्रांसपोर्ट नगर में स्थित सोहेल की वर्कशॉप से ट्रक UP81CT1960 को जब्त किया गया, जिसमें इंजन व चेसिस को काटा जा रहा था।
फर्जी मुकदमे और कोर्ट सेटिंग का खुलासा:
गिरफ्तार ईशाक अली के मोबाइल व वॉट्सऐप से चोरीशुदा ट्रकों से जुड़े कुल 8 मुकदमों की छायाप्रति, जिनमें 303(2) बीएनएस व 379 भादवि के अंतर्गत दर्ज मुकदमे शामिल हैं, बरामद हुए। ये सभी मुकदमे धारा 156(3) / 173(4) के तहत कोर्ट सेटिंग से दर्ज कराए गए थे।
गिरोह का पूरा नेटवर्क:
गिरफ्तार आरोपियों ने खुलासा किया कि वे ट्रकों की चोरी, फर्जी आरसी-नंबर प्लेट तैयार करने, इंजन-चेसिस नंबर बदलने, और कोर्ट के जरिए झूठे मुकदमे दर्ज कराने का पूरा नेटवर्क चलाते थे।
ईशाक अली का काम ट्रक चोरी कराना व फर्जी मुकदमे कोर्ट से लिखवाना था। वहीं शाकिर व अनीसउद्दीन आरटीओ में सेटिंग कर फर्जी फाइल तैयार कराते थे।बाबू (किच्छा निवासी) – इंजन और चेसिस नंबर को प्रोफेशनल तरीके से बदलने का काम करता था। वहीं
सोहेल वेल्डिंग व बॉडी रिपेयरिंग वर्कशॉप में ट्रकों की पहचान मिटाना का काम करता था। आरिफ, सैफउद्दीन व अदनान ट्रक मालिकों को बहला कर फर्जी ड्राइवरों के जरिए मुकदमे दर्ज कराने का काम करते थे।
पुलिस रिकॉर्ड और नुकसान का आंकड़ा:
गिरोह अब तक 50 से अधिक ट्रकों की फर्जी चोरी की रिपोर्ट लिखवा चुका है, जिनमें से करीब 6 करोड़ रुपये का क्लेम फाइनेंस कंपनियों से लिया जा चुका है।
पुलिस जांच में सामने आया है कि पिछले 2 वर्षों में बरेली न्यायालय के माध्यम से 52 मुकदमे दर्ज हुए, जिनमें से 20 में एफआर, 17 में एक्सपंज, 3 में आरोपपत्र और 12 विवेचना में हैं।
पुलिस का बयान:
एसपी सिटी मानुष पारीक ने बताया "यह गिरोह काफी लंबे समय से एक्टिव था और एक सुनियोजित तरीके से फाइनेंस कंपनियों को चूना लगाकर मोटा मुनाफा कमा रहा था। सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर उन्हें न्यायालय में पेश किया जा रहा है। अन्य फरार अभियुक्तों की तलाश जारी है।
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