विश्व स्वास्थ्य दिवस व राम नवमी पर लगा रक्तदान शिविर,16 यूनिट रक्त एकत्र, 40 रक्तदाताओं ने लिया भाग
बरेली। एरोमेटिक एंड अलाइड हेल्पिक हैंड्स एवं नाथ नगरी रक्तदान सेवा ट्रस्ट (रजि.) बरेली के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को सीबीगंज स्थित एरोमेटिक एंड अलाइड केमिकल्स परिसर में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।
यह रक्तदान शिविर विश्व स्वास्थ्य दिवस व राम नवमी के पावन अवसर पर लगाया गया। शिविर में 40 रक्तदाताओं ने भाग लिया और कुल 16 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया।
मुख्य अतिथि ने किया उद्घाटन
शिविर का उद्घाटन बरेली मंडल की कमिश्नर श्रीमती सौम्या अग्रवाल ने फीता काटकर किया। उन्होंने युवाओं के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि —"रक्तदान सबसे बड़ा मानव सेवा का कार्य है। रक्त की एक बूंद कई जिंदगियां बचा सकती है। समाज में रक्तदान के प्रति भ्रांतियां दूर कर लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है।"
हर माह लगेगा रक्तदान शिविर
एरोमेटिक एंड अलाइड हेल्पिक हैंड्स संस्था के संस्थापक/अध्यक्ष गौरव मित्तल ने कहा कि — "रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं है। जब भी मौका मिले, सभी को आगे आकर स्वैच्छिक रक्तदान करना चाहिए।"
नाथ नगरी रक्तदान सेवा ट्रस्ट के संस्थापक/सचिव ने बताया कि "संस्था ने हर महीने रक्तदान शिविर लगाने का संकल्प लिया है, ताकि बरेली में किसी की जान खून की कमी से न जाए।"
संस्था के अध्यक्ष अनूप किशोर शर्मा ने बताया कि "हमारा उद्देश्य रक्तदान के प्रति जागरूकता लाना है, ताकि थैलेसीमिया, कैंसर, हीमोफीलिया जैसे मरीजों को समय पर रक्त मिल सके।"रक्तदान से स्वास्थ्य लाभ भी
शिविर के निदेशक बृजेश तिवारी ने कहा कि "रक्तदान करने से न केवल दूसरों की जान बचती है बल्कि रक्तदाता खुद भी स्वस्थ रहता है। इससे हृदय रोग व कैंसर जैसी बीमारियों की संभावना भी कम हो जाती है।"
शिविर में इनका रहा विशेष सहयोग
रक्तदान करने वालों में गौरव मित्तल, राजुल गर्ग, पार्वती, अरविंद यादव समेत कई युवाओं ने रक्तदान कर मिसाल पेश की। उन्होंने कहा कि "हर स्वस्थ व्यक्ति को साल में 3 से 4 बार रक्तदान अवश्य करना चाहिए। इससे कोई कमजोरी नहीं आती बल्कि शरीर और अधिक स्वस्थ रहता है।"
शिविर को सफल बनाने में स्वाति कश्यप, दीप्ति पांडे, सर्वेश वर्मा, निवास यादव, राहुल यादव, आभा श्री, अमित जौहरी सहित अनेक सदस्य मौजूद रहे। शिविर में श्रीराम मूर्ति कॉलेज ब्लड बैंक की टीम का विशेष सहयोग रहा।
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