कुत्तों के बढ़ते हमले, अस्पताल में एंटी रेबीज सीरम खत्म – मरीजों की जान पर संकट
बरेली। शहर में कुत्तों के आतंक से लोग डरे हुए हैं, लेकिन सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि कोविड अस्पताल में पिछले दो महीने से एंटी रेबीज सीरम नहीं है। इस वजह से मरीजों को बाहर से महंगे दामों पर दवा खरीदनी पड़ रही है।
हर दिन 55 से ज्यादा मरीज, लेकिन सीरम नदारद
बीते दो महीनों में 2061 मरीज कोविड अस्पताल पहुंचे हैं, जिनमें से 900 नए मामले दर्ज किए गए हैं। अस्पताल में हर दिन 55 से ज्यादा लोग कुत्ते के काटने की शिकायत लेकर आ रहे हैं, लेकिन इलाज के लिए जरूरी एंटी रेबीज सीरम का स्टॉक खत्म है।
संक्रमण रोकने में अहम भूमिका निभाती है सीरम
डॉक्टरों का कहना है कि कुत्ते, बिल्ली, बंदर, चूहे और सियार के काटने पर शरीर में संक्रमण तेजी से फैलता है, जिससे बचाव के लिए एंटी रेबीज सीरम लगाई जाती है। गंभीर मामलों में यह जीवन रक्षक साबित होती है, लेकिन अस्पताल में इसकी अनुपलब्धता से मरीजों की जान खतरे में पड़ सकती है।
सामान्य टीका उपलब्ध, लेकिन गंभीर मरीजों के लिए संकट
अस्पताल में फिलहाल सामान्य एंटी रेबीज टीका ही उपलब्ध है, जिसे हल्के संक्रमण के मामलों में लगाया जाता है। इसकी रोजाना 70 से 80 डोज की खपत हो रही है, लेकिन गंभीर मामलों के लिए सीरम जरूरी होती है, जो कि अस्पताल में नहीं है।
बाजार से महंगे दामों पर खरीदनी पड़ रही सीरम
सरकारी अस्पताल में सीरम न होने के कारण मरीजों और उनके परिजनों को मजबूरी में बाहर से महंगे दामों पर खरीदना पड़ रहा है। गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए यह एक बड़ी समस्या बन गई है।
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, कब मिलेगा समाधान?
शहर में कुत्तों के हमले लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण मरीजों को जरूरी इलाज नहीं मिल पा रहा। लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द कोविड अस्पताल में एंटी रेबीज सीरम उपलब्ध कराई जाए, ताकि किसी की जान खतरे में न पड़े।
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