सपा सांसद के बयान पर बवाल: निजी अस्पतालों को बताया ‘लूट का अड्डा’, डॉक्टरों ने की माफी की मांग
बरेली। समाजवादी पार्टी (सपा) के आंवला सांसद नीरज मौर्य के निजी अस्पतालों को "लूट का अड्डा" बताने वाले बयान से चिकित्सा जगत में उबाल आ गया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के स्थानीय अध्यक्ष डॉ. आरके सिंह ने इसे भ्रामक और अपमानजनक करार देते हुए चेतावनी दी कि यदि सांसद ने माफी नहीं मांगी तो राष्ट्रीय स्तर तक विरोध होगा।
सांसद के बयान के खिलाफ IMA के साथ राज्य सरकार के मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना और विधायक डॉ. राघवेंद्र शर्मा भी उतर आए हैं। उधर, सपा सांसद नीरज मौर्य अपने बयान पर अडिग हैं और कह रहे हैं कि जो डॉक्टर तय से अधिक फीस वसूलते हैं, वही विरोध कर रहे हैं।
IMA ने सांसद के बयान को बताया अपमानजनक
IMA अध्यक्ष डॉ. आरके सिंह और सचिव डॉ. रतन पाल सिंह ने सांसद के बयान की निंदा करते हुए कहा कि "यह बयान न केवल निजी अस्पतालों की छवि धूमिल करने वाला है, बल्कि बरेली के चिकित्सा समुदाय का अपमान भी है। जिले के डॉक्टर समर्पण और ईमानदारी से मरीजों की सेवा कर रहे हैं। यदि सांसद ने माफी नहीं मांगी, तो यह आंदोलन राष्ट्रीय स्तर तक जाएगा।"
डॉक्टरों ने किया विरोध, पूर्व महापौर ने भी जताई आपत्ति
IMA के समर्थन में मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना और विधायक डॉ. राघवेंद्र शर्मा भी आए, जिन्होंने सांसद के बयान को गैर-जिम्मेदाराना बताया। वहीं, सपा के ही पूर्व महापौर डॉ. आई.एस. तोमर ने कहा, "70 प्रतिशत मरीजों का इलाज आयुष्मान योजना के तहत हो रहा है। अस्पतालों में तय रेट पर ही इलाज हो रहा है। कुछ गलत लोग हो सकते हैं, लेकिन पूरे चिकित्सा जगत को दोषी ठहराना उचित नहीं है।"
सांसद बोले – मैं अपने बयान पर अडिग
इस विवाद के बावजूद सांसद नीरज मौर्य अपने बयान से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा, "मैं ईमानदार डॉक्टरों का सम्मान करता हूं, लेकिन कुछ लोग चिकित्सा की आड़ में माफियागीरी कर रहे हैं। ये लोग नहीं चाहते कि जिले में एम्स बने, क्योंकि इससे उनकी मनमानी खत्म हो जाएगी। सीजीएचएस की तय दरों से अधिक वसूली करने वाले ही मेरे बयान का विरोध कर रहे हैं।"
क्या है पूरा मामला?
सांसद नीरज मौर्य ने हाल ही में संसद में बरेली में एम्स स्थापित करने की मांग उठाई थी। उन्होंने दावा किया था कि निजी अस्पताल लूट का अड्डा बन गए हैं, इसलिए सरकारी स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना जरूरी है। उनके इसी बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
IMA ने सांसद से माफी की मांग की है, जबकि सांसद अपने बयान पर अडिग हैं। इस मुद्दे पर राजनीति भी गर्माने लगी है। देखना होगा कि यह विवाद और कितना तूल पकड़ता है।
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