बरेली के प्रतिष्ठित केडीईएम कॉलेज पर संकट! भूमाफियाओं की साजिश बेनकाब, करोड़ों की संपत्ति हड़पने की कोशिश
बरेली। शिक्षा के क्षेत्र में 100 वर्षों से अधिक का गौरवशाली इतिहास रखने वाले कुँवर दयाशंकर एडवर्ड मेमोरियल इंटर कॉलेज (केडीईएम) पर भूमाफियाओं की नजर पड़ गई है। विद्यालय प्रशासन ने आरोप लगाया है कि कुछ असामाजिक तत्व फर्जी प्रबंध समिति बनाकर विद्यालय की संपत्तियों पर अवैध कब्जे की साजिश रच रहे हैं।
फर्जी प्रबंध समिति बनाकर कब्जे की कोशिश
विद्यालय प्रशासन के अनुसार, राम मोहन शर्मा और अरविंद अग्रवाल नामक व्यक्तियों ने फर्जी प्रबंध समिति बनाकर विद्यालय की संपत्तियों पर कब्जा करने की योजना बनाई। यह षड्यंत्र तब सामने आया जब विद्यालय ने अपने वैध प्रबंधन समिति के चुनाव की जानकारी जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) को दी।
हालांकि, DIOS द्वारा मान्यता प्राप्त चुनावी प्रक्रिया पूरी तरह वैध थी, इसके बावजूद इन भूमाफियाओं ने दो अलग-अलग फर्जी प्रबंध समितियाँ गठित कर जिला प्रशासन को भ्रमित करने का प्रयास किया।
विद्यालय की बहुमूल्य संपत्तियों पर नजर
जांच में यह सामने आया कि इस साजिश का मुख्य उद्देश्य विद्यालय की करोड़ों रुपये की मूल्यवान संपत्तियों पर कब्जा करना था। विद्यालय प्रबंधन ने इस मामले को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
हजारों छात्रों का भविष्य दांव पर
केडीईएम कॉलेज बरेली का एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान है, जहां हजारों छात्र-छात्राएँ शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। ऐसे में इस तरह की अवैध गतिविधियाँ न केवल विद्यालय प्रशासन के लिए बल्कि छात्रों के भविष्य के लिए भी गंभीर खतरा बन सकती हैं।
विद्यालय प्रशासन और अभिभावकों ने जिला प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि ऐसे तत्वों पर लगाम लगाई जा सके और भविष्य में किसी अन्य शैक्षणिक संस्थान को इस तरह की परिस्थितियों का सामना न करना पड़े।
प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल
इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि भूमाफियाओं को फर्जी प्रबंध समिति बनाने की छूट कैसे मिली? प्रशासन की लापरवाही से ही ऐसी गतिविधियाँ पनपती हैं। अगर समय रहते कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो यह मामला और भी गंभीर रूप ले सकता है।
विद्यालय प्रबंधन की अपील
विद्यालय प्रशासन ने शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि वे इस मामले में निष्पक्ष जांच कर दोषियों को जल्द से जल्द कठोर सजा दिलवाएँ। साथ ही, विद्यालय की संपत्तियों और छात्रों के भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएँ।
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