ईंट भट्ठों पर जीएसटी विभाग का शिकंजा: 40 लाख की कर चोरी पकड़ी, 12 लाख ईंटें और 42 टन कोयला जब्त
बरेली। जिले में जीएसटी एसआईबी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन ब्रांच) की टीम ने ईंट भट्ठों पर चल रही कर चोरी के खेल का पर्दाफाश किया है। ताजा कार्रवाई में मीरगंज के बल्ली ग्राम स्थित गौसियां ईंट भट्ठे पर छापा मारकर 40 लाख रुपये की कर चोरी पकड़ी गई। टीम ने मौके से 12 लाख ईंटें, 42 टन कोयला और 5 टन लकड़ी का बुरादा जब्त कर लिया। दस्तावेजों की जांच में और भी बड़े घोटाले का खुलासा हो सकता है।
छापे के दौरान नहीं मिला स्टॉक रजिस्टर
अपर आयुक्त ग्रेड-1 दिनेश कुमार मिश्र के नेतृत्व में 7 मार्च को जांच टीम गौसियां ईंट भट्ठे पर पहुंची। उस समय भट्ठे में फुंकाई (ईंट पकाने की प्रक्रिया) चल रही थी, लेकिन मौके पर बिक्री, पथाई, फुंकाई और स्टॉक रजिस्टर उपलब्ध नहीं थे। टीम को सिर्फ दिहाड़ी रजिस्टर मिला, जिससे संदेह और गहरा गया। पकी और कच्ची ईंटों का मिलान जब बही खातों से किया गया, तो बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई।
कर चोरी का अनोखा तरीका: वैकल्पिक ईंधन का खेल
जांच में यह भी सामने आया कि कई ईंट भट्ठा संचालक कर चोरी से बचने के लिए कोयले के बजाय 90% वैकल्पिक ईंधन जैसे कोयले की धूल, गुल्ला, मैली आदि का उपयोग कर रहे हैं। इतना ही नहीं, कुछ भट्ठा मालिकों ने अपने परिसर में ही ऐसे ईंधन के प्लांट लगा लिए हैं, ताकि कोयले की खपत का सही आकलन न हो सके और टैक्स चोरी आसानी से की जा सके।
कर चोरी की गणना कैसे होती है?
विभागीय मानकों के अनुसार, 18 मीट्रिक टन कोयले से सामान्य भट्ठे में 1 लाख ईंटों का उत्पादन होता है, जबकि जिगजैग तकनीक वाले भट्ठे में 12 मीट्रिक टन कोयले से 1 लाख ईंटों का निर्माण संभव है। लेकिन कई भट्ठा संचालक इन मानकों से बचने के लिए अलग-अलग उपाय अपना रहे हैं।
सख्त कार्रवाई की चेतावनी
जीएसटी अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि जो भट्ठा मालिक मानक के अनुसार कर देयता स्वीकार नहीं करेंगे, उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। चिन्हित भट्ठों की जांच के लिए एसआईबी टीम गठित की गई है, जो लगातार निगरानी कर रही है।
"जो व्यापारी नियमों का पालन करेंगे, उनकी जांच नहीं होगी। लेकिन कर चोरी करने वालों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई होगी," - जीएसटी विभाग।
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