30 हजार लेकर आरोपी को बचाने वाला दरोगा सस्पेंड, एसएसपी की सख्ती से पहुंचा दबंग सलाखों के पीछे
बरेली। "दरोगा को 30 हजार देकर आया हूं, मेरा कुछ नहीं होगा!"—यह दावा करने वाले आरोपी को तो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, लेकिन उसे बचाने वाले थाना भमोरा के दरोगा धर्मपाल सिंह को अपनी लापरवाही महंगी पड़ गई। एसएसपी अनुराग आर्य ने आरोपी का पक्ष लेने और न्याय में बाधा डालने के आरोप में दरोगा को तत्काल निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए।
गांव भूड़ा निवासी रूप किशोर मौर्य का अपने ही गांव के रामपाल मौर्य से ज़मीन को लेकर विवाद चल रहा था। 26 फरवरी को जब रूप किशोर सहासा गांव में भंडारे में जा रहा था, तभी रास्ते में रामपाल ने उसे रोक लिया और तमंचा तानकर धमकाने लगा।
ग्रामीणों ने इस घटना का वीडियो बना लिया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पीड़ित ने जब थाना भमोरा में शिकायत की, तो दरोगा धर्मपाल सिंह ने आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
पैसे लेकर आरोपी को दिया संरक्षण!
मामला तब गर्मा गया जब आरोपी रामपाल मौर्य खुलेआम कहने लगा कि उसने दरोगा को 30 हजार रुपये दिए हैं, इसलिए उसे कुछ नहीं होगा।जब रूप किशोर को कोई न्याय नहीं मिला, तो उसने 6 मार्च को एसएसपी अनुराग आर्य से मुलाकात की और उन्हें घटना का वीडियो दिखाया।
एसएसपी ने दिए कड़े आदेश, आरोपी पहुंचा जेल
शिकायत मिलते ही एसएसपी अनुराग आर्य ने थाना भमोरा पुलिस को फटकार लगाई और तत्काल प्रभाव से आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए रामपाल मौर्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
दरोगा पर गिरी गाज, हुई निलंबन की कार्रवाई
जांच में यह साफ हुआ कि दरोगा धर्मपाल सिंह ने आरोपी को बचाने की कोशिश की थी। इस लापरवाही के चलते एसएसपी ने उसे तत्काल निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए।
सख्त संदेश: अपराधी हो या भ्रष्टाचारी, कोई नहीं बचेगा!
इस कार्रवाई से साफ हो गया कि अगर कोई कानून से खिलवाड़ करेगा, तो उसे बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। एसएसपी अनुराग आर्य ने यह संदेश दे दिया है कि भ्रष्टाचार और लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अब देखना होगा कि क्या इस सख्ती से अन्य लापरवाह पुलिसकर्मी सबक लेंगे या फिर आगे भी ऐसे मामलों पर कार्रवाई करनी पड़ेगी!
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