सुदृढ़ शक्ति फाउंडेशन द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत कथा में ध्रुव,सती,चरित्र का मनमोहक वर्णन किया,डॉ ऋचा ने दीप प्रज्ज्वलित किया
बरेली। सुदृढ़ शक्ति फाउंडेशन द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत कथा में तृतीय दिवस आचार्य विमल कृष्ण शास्त्री ने ध्रुव चरित्र, सती चरित्र, देवभूती कर्दम संवाद का मन मोहक वर्णन किया। कथा का शुभारम्भ डॉ ऋचा दीक्षित ने ज्योति प्रसन्न कर किया।
कथा में बताया की सुरुचि के पुत्र उत्तम और सुनीति के पुत्र ध्रुव को सुरुचि मां के कटु वचन कहने से बहुत दुख हुआ। तभी उन्होंने अपनी मां की आज्ञा प्राप्त कर वन को चल दिए और वहां तपस्या की ठाकुर जी को प्राप्त किया।
कथा व्यास ने बताया कि राजा उत्तानपाद और ध्रुव की कहानी, विष्णु पुराण और भागवत पुराण में मिलती है। यह एक ऐसे बच्चे की कहानी है जिसने अपने पिता का प्यार पाने के लिए भगवान विष्णु की तपस्या की और आकाश का सबसे चमकीला तारा बन गया। इस तारे को ध्रुव तारा कहा जाता है।
आज के मुख्य यजमान दीपा मिश्रा व विवेक मिश्रा रहे। जबकि अतिथियों में
कस्तूरबा गाँधी अवासीय बालिका विद्यालय की छात्राएँ, मीनाक्षी त्रिपाठी वार्डन/हेड शिक्षिका,सांगवेद संस्कृत महाविद्यालय के बालक व गुरुजी वंशीधर पाण्डे, पी एच एक. पी ए जी ज्ञानेंद्र पी. गुप्ता रहे।कथा में मुख्य अतिथि अखिल विश्व गायत्री परिवार के दिनेश पान्डेय (जिला समन्वयक), बलवीर सिंह, राजेश गंगवार, शिवेंद्र भदौरिया, राम प्रकाश , वेदप्रकाश शर्मा, डॉक्टर दीपमाला शर्मा एवं सरस्वती गंगवार रहे। सुदृढ़ शक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ ऋचा दीक्षित ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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