इंस्पेक्टर रिश्वत कांड: एसएसपी ने पांच सिपाही किए निलंबित, दारोगा समेत दो लाइन हाजिर
बरेली। स्मैक तस्करी के आरोपियों को छोड़ने के बदले सात लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोपी इंस्पेक्टर रामसेवक के करीबी पुलिसकर्मियों पर भी गाज गिर गई। शुक्रवार देर रात एसएसपी अनुराग आर्य ने फरीदपुर थाने के सिपाही (मुख्य आरक्षी) रिजवान, नीरज, एहसान, सौरभ कुमार और कृष्ण कुमार को निलंबित कर दिया। दरोगा जावेद अली और सिपाही अतुल वर्मा को लाइन हाजिर किया। एसएसपी ने बताया कि इन सभी की कार्यप्रणाली एवं आचरण संदिग्ध पाया गया। सीओ विभागीय जांच करेंगे। इंस्पेक्टर रामसेवक ने बुधवार रात आलम, नियाज अहमद, असनूर को स्मैक तस्करी के शक में पकड़ा था। गुरुवार सुबह को सीओ गौरव सिंह को पता चला कि आलम व नियाज को सात लाख रुपये लेकर छोड़ा गया है। उन्होंने इस संबंध में इंस्पेक्टर रामसेवक से पूछताछ की तो वह बहाने से थाने से भाग गया। इसके बाद इंस्पेक्टर के आवास की तलाशी ली तो गद्दे के नीचे सात लाख रुपये बरामद हुए। एक सूटकेस से भी 2.96 लाख रुपये मिले। बरामद कुल 9.96 लाख रुपये को रिश्वत का धन मानते हुए सीओ ने इंस्पेक्टर पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत रिपोर्ट दर्ज कराई गई। आरोपी इंस्पेक्टर को निलंबित कर तलाश में टीमें लगा दी गईं।
अधिकारियों के अनुसार, इंस्पेक्टर ने थाने का सीयूजी नंबर और अपना पर्सनल फोन नंबर थाने में ही छोड़ दिया था। इसलिए लोकेशन ट्रेस करने में देरी हो रही है। शुक्रवार को इंस्पेक्टर के करीबी सिपाही रिजवान, नीरज, एहसान, सौरभ कुमार, कृष्ण कुमार से पूछताछ की मगर, वे सवालों के जवाब नहीं दे सके। गतिविधियां भी संदिग्ध पायी गईं।
सीओ हाईवे करेंगे विवेचना
इंस्पेक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधी अधिनियम व अन्य धाराओं में रिपोर्ट सीओ फरीदपुर गौरव सिंह की ओर से दर्ज कराई गई थी। इसलिए सीओ फरीदपुर ने खुद ही इस मामले में विवेचना किसी अन्य सक्षम अधिकारी से कराने का अनुरोध किया था। एसपी दक्षिणी ने इसकी संस्तुति की तो एसएसपी ने फरीदपुर में दर्ज रिपोर्ट की विवेचना अब सीओ हाईवे नितिन कुमार को सौंप दी है। इंस्पेक्टर और अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका को लेकर अब उन्हीं के स्तर से साक्ष्यों का संकलन किया जाएगा।
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