लोकसभा में गूंजा यूपी में स्कूल बंद होने का मुद्दा, सांसद नीरज मौर्य ने की आंवला में केंद्रीय व नवोदय विद्यालय खोलने की मांग
बरेली। उत्तर प्रदेश में बंद हो रहे सरकारी स्कूलों को लेकर आज लोकसभा सत्र में गंभीर चिंता जताई गई। आंवला लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद नीरज मौर्य ने यह मुद्दा सदन में उठाते हुए कहा कि प्रदेश में करीब 5000 स्कूल बंद होने की कगार पर हैं, जिससे शिक्षा का अधिकार खतरे में पड़ रहा है।
सांसद मौर्य ने कहा, “बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि शिक्षा शेरनी का दूध है, जो पिएगा वही दहाड़ेगा। लेकिन अफसोस है कि आज उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों की हालत बदतर है और उन्हें लगातार बंद किया जा रहा है। एक दौर था जब छात्रों को लैपटॉप दिए जाते थे, आज मधुशालाएं बांटी जा रही हैं।”
आंवला में नहीं हैं गुणवत्तापूर्ण स्कूल
सांसद ने विशेष रूप से अपने संसदीय क्षेत्र आंवला का जिक्र करते हुए कहा कि वहां ग्रामीण इलाकों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की भारी कमी है। बच्चों को बेहतर स्कूल नहीं मिल पा रहे हैं, जिससे उनका शैक्षणिक भविष्य संकट में है। उन्होंने कहा कि ऐसे माहौल में “सब पढ़े, सब बढ़े” का नारा खोखला साबित हो रहा है।
केंद्रीय विद्यालय और नवोदय की मांग
नीरज मौर्य ने सरकार से केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय की स्थापना की मांग करते हुए कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी और शिक्षा का अधिकार वास्तव में लागू हो पाएगा। उन्होंने कहा कि यह वही संसद है जिसने राइट टू एजुकेशन जैसे कानून को पास किया, लेकिन आज उसी अधिकार से बच्चों को वंचित किया जा रहा है।
शिक्षा के सवाल पर विपक्ष और सरकार दोनों को घेरा
सांसद मौर्य ने अपने वक्तव्य में पूर्ववर्ती सरकारों की तुलना करते हुए वर्तमान व्यवस्था पर भी सवाल उठाए और नीतिगत बदलाव की आवश्यकता जताई। उनका कहना था कि शिक्षा से समझौता देश के भविष्य से समझौता है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

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