Bareilly: जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल ने बदली बरेली की तस्वीर, गांवों में दिखने लगा विकास का असर
बरेली। जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल ने अपने चार साल के कार्यकाल में विकास को सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि गांवों की तस्वीर और तकदीर दोनों बदल दी। जर्जर सड़कों, जलभराव और गंदगी के लिए पहचाने जाने वाले गांवों में आज पक्की सड़कें, खड़ंजा, नालियां और पौधों से सजा पर्यावरण मिल रहा है।
326 किलोमीटर क्षेत्र में बनाए गए 450 खड़ंजा और 145 किलोमीटर डामर की सड़कों ने गांवों को हर मौसम में मुख्य मार्गों से जोड़ा है। 125 लेपन सड़कों से किसानों को मंडियों तक पहुंचने में सुविधा मिली। साथ ही, 450 नालों के निर्माण से जलभराव की पुरानी समस्या का समाधान हो सका है।
गांवों से निकली सफलता की गूंज
फरीदपुर के विजयपाल सिंह बताते हैं, “पहले हमारे गाँव में ना सड़क थी, ना नाली और ना ही साफ पानी। अब पक्की सड़कों के साथ हरियाली और साफ-सफाई नजर आती है।” ग्रामीणों की ज़ुबानी विकास की यह गवाही रश्मि पटेल के समर्पित नेतृत्व की पुष्टि करती है।
आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर पंचायत
मानचित्र बायलॉज 2023 के तहत पंचायत ने 1.77 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय अर्जित की। पारदर्शी कर प्रणाली और ई-गवर्नेंस के जरिये राजस्व वसूली के पुराने रिकॉर्ड तोड़े गए। हर निर्माण कार्य की शुरुआत पौधरोपण से की गई और अब तक हजारों पौधे लगाए जा चुके हैं, जिससे पर्यावरण संरक्षण को भी प्राथमिकता मिली।
शिक्षा और स्वच्छता में सुधार
जिले के 8 जिला पंचायत स्कूलों में स्मार्ट क्लास, पुस्तकालय और बच्चों के लिए सुविधाएं विकसित की गईं। गुरु अभिनंदन समारोह के जरिये शिक्षकों को सामाजिक सम्मान दिया गया।
महिलाओं को स्वच्छता अभियान और स्वावलंबन से जोड़ा गया। हर गाँव में महिला सहभागिता से स्वच्छता और पर्यावरण को जनांदोलन बनाया गया।
हरित बरेली मॉडल की मिसाल
अमृत सरोवर योजना के तहत पुराने तालाबों का जीर्णोद्धार कर उनके किनारों पर छायादार वृक्ष लगाए गए। स्वयं सहायता समूहों, ग्रामीणों और स्कूलों के सहयोग से “हरित बरेली” मॉडल तैयार किया गया है, जो पूरे प्रदेश के लिए उदाहरण बन सकता है।
विकास की नई परिभाषा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजनाओं को स्थानीय स्तर पर सफलतापूर्वक लागू कर, रश्मि पटेल ने यह सिद्ध किया कि विकास केवल सरकारी बजट का हिस्सा नहीं, बल्कि एक संवेदनशील सोच और ईमानदार नेतृत्व का परिणाम है।
उनका कार्यकाल न सिर्फ बरेली की पंचायतों के लिए बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के जनप्रतिनिधियों के लिए प्रेरणादायक मॉडल बन चुका है।
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