बरेली में कोरोना की वापसी: इज्जतनगर में नया केस, स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल
बरेली। कोरोना वायरस ने एक बार फिर बरेली में दस्तक दे दी है। इज्जतनगर के गांधीपुरम में 57 वर्षीय व्यक्ति की कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आने से स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मच गया है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि मरीज की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है, जिससे स्थानीय स्तर पर वायरस के फैलने की आशंका गहरा गई है। स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन शहर के प्रमुख अस्पतालों में टेस्टिंग किट्स की कमी और तैयारियों की ढिलाई पर सवाल उठने लगे हैं।
निजी लैब में हुई जांच, देर रात पुष्टि
सोमवार को गांधीपुरम निवासी व्यक्ति ने बुखार और खांसी की शिकायत के बाद एक निजी पैथोलॉजी लैब में RT-PCR टेस्ट कराया। देर शाम करीब 6 बजे रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद निजी लैब ने इसे तुरंत इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) पोर्टल पर अपलोड किया। स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार सुबह गांधीपुरम में एक विशेष टीम भेजी, जो मरीज के परिवार और संपर्क में आए लोगों की स्क्रीनिंग कर रही है। क्षेत्र में सैनिटाइजेशन और निगरानी भी तेज कर दी गई है।
बिना ट्रेवल हिस्ट्री का केस
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए यह मामला इसलिए चिंताजनक है, क्योंकि मरीज ने हाल ही में न तो कोई यात्रा की है और न ही किसी पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में होने की पुष्टि हुई है। इससे कम्युनिटी स्प्रेड की आशंका बढ़ गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर स्थानीय स्तर पर वायरस का प्रसार शुरू हो गया है, तो तत्काल बड़े पैमाने पर टेस्टिंग और सख्त निगरानी जरूरी है। बरेली के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अनिल शर्मा ने बताया, “बिना ट्रेवल हिस्ट्री के मामले खतरनाक हो सकते हैं। हमें तुरंत टेस्टिंग बढ़ानी होगी और भीड़भाड़ वाले इलाकों पर नजर रखनी होगी।”
पहले भी आया था मामला, लेकिन प्रशासन ने नहीं लिया सबक
बीते सप्ताह पंजाब से लौटे एक प्रवासी मजदूर की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, लेकिन दोबारा जांच में वह निगेटिव पाया गया। स्वास्थ्य विभाग ने इसे बाहरी मामला बताकर ज्यादा गंभीरता नहीं दिखाई। हालांकि, अब नए मामले ने प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी है। शहर के 300 बेड वाले कोविड अस्पताल में अभी तक एंटीजन टेस्टिंग किट्स नहीं पहुंची हैं, जबकि यहां रोजाना सैकड़ों मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं। टेस्टिंग की कमी के चलते संक्रमण का समय पर पता नहीं चल पा रहा, जिससे अन्य मरीजों और मेडिकल स्टाफ पर खतरा बढ़ गया है।
स्वास्थ्य विभाग का दावा: स्थिति नियंत्रण में
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. विश्राम सिंह ने बताया, “पॉजिटिव केस की जानकारी मिलते ही हमने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है। मरीज को होम आइसोलेशन में रखा गया है और उनके संपर्क में आए लोगों की जांच की जा रही है। जिले में पर्याप्त मात्रा में टेस्टिंग किट्स उपलब्ध हैं और जल्द ही सभी स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचा दी जाएंगी।” हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि टेस्टिंग किट्स की कमी और सरकारी अस्पतालों में लापरवाही के चलते स्थिति बिगड़ सकती है।
स्थानीय निवासियों में दहशत, बाजारों में सन्नाटा
गांधीपुरम में नए केस की खबर फैलते ही स्थानीय निवासियों में दहशत फैल गई। कई दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं, और बाजारों में भीड़ कम हो गई। स्थानीय निवासी रमेश यादव ने कहा, “पहले भी कोरोना ने हमें बहुत परेशान किया था। अब फिर से वही डर लग रहा है। सरकार को जल्द से जल्द टेस्टिंग और वैक्सीनेशन बढ़ाना चाहिए।”
विश्लेषण: स्वास्थ्य व्यवस्था की कमजोर कड़ी उजागर
यह नया मामला बरेली में स्वास्थ्य ढांचे की कई कमियों को उजागर करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि टेस्टिंग की कमी, अस्पतालों में संसाधनों का अभाव और जनता में जागरूकता की कमी के कारण स्थिति बिगड़ सकती है। इसके अलावा, वैक्सीनेशन की रफ्तार भी धीमी होने से बूस्टर डोज लेने वालों की संख्या कम है। स्वास्थ्य विभाग को तत्काल टेस्टिंग बढ़ाने, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग को प्रभावी करने और जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।
प्रशासन की अपील। सावधानी बरतें, लापरवाही न करें
स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें।
मास्क का उपयोग करें। खासकर भीड़भाड़ वाली जगहों पर।
बुखार, खांसी या सांस लेने में तकलीफ होने पर तुरंत जांच कराएं।
नियमित रूप से हाथ धोएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
वैक्सीन की बूस्टर डोज जरूर लें
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