मीरगंज में नाहल नदी का पुनर्जीवन, पर्यावरण और पर्यटन को मिलेगा बल
जागेश्वर न्यूज़ नेटवर्क
बरेली। मीरगंज क्षेत्र की विलुप्त होती नाहल नदी को पुनर्जीवित करने के लिए बरेली प्रशासन ने बड़ी पहल की है। जिलाधिकारी अविनाश सिंह के निर्देशानुसार नदी को उसके पुराने स्वरूप में लौटाने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इस परियोजना का नेतृत्व मुख्य विकास अधिकारी देवयानी कर रही हैं।
प्रशासन ने नदी के पुराने नक्शों के आधार पर उसकी पैमाइश शुरू कर दी है। साथ ही, नदी के प्रवाह क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई भी की जा रही है। नदी के तल को खोदकर उसका मूल स्वरूप बहाल किया जाएगा, जिससे यह फिर से जलधारा के रूप में बह सके।
सीडीओ देवयानी ने बताया कि नाहल नदी मीरगंज के लिए सामाजिक, पारिस्थितिक और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण है। लभारी, कुल्छा, नौसना और सिंधौली जैसे गांवों में अतिक्रमण हटाकर नदी को पुनर्जीवित किया जाएगा। साथ ही नदी के किनारे नाव विहार जैसी सुविधाएं विकसित कर इसे पर्यटन स्थल के रूप में भी स्थापित किया जाएगा।
यह योजना रामपुर में सफलतापूर्वक पुनर्जीवित नाहल नदी के मॉडल पर आधारित है, जहां पांच महीने में 51 किलोमीटर लंबी नदी को पुनर्जीवित किया गया था। डीएम अविनाश सिंह ने सभी विभागों को इस परियोजना की निगरानी और तेजी से क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं।
यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक होगी, बल्कि ग्रामीण पर्यटन को भी बढ़ावा देगी, जिससे स्थानीय लोगों के जीवन में सुधार आएगा और क्षेत्र की सुंदरता में वृद्धि होगी।
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