लीलौर झील बनेगी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन का नया सितारा
बरेली। बरेली के आंवला में महाभारतकालीन लीलौर झील अब जल्द ही आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन का एक चमकता सितारा बनेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पर्यटन और रोजगार सृजन के विजन को साकार करने के लिए प्रशासन ने इस ऐतिहासिक झील के सौंदर्यीकरण और विकास की ठोस पहल शुरू की है। शनिवार को जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने झील का स्थलीय निरीक्षण किया और सौंदर्यीकरण कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
महाभारतकालीन यक्ष-युधिष्ठिर कथा से जुड़ा इतिहास
लीलौर झील का गहरा संबंध महाभारत काल से है। मान्यता है कि यहीं पर यक्ष ने धर्मराज युधिष्ठिर से गूढ़ प्रश्न पूछे थे और उनके संतोषजनक उत्तरों के बाद उनके भाइयों को जीवनदान दिया था। इस धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को सहेजते हुए झील को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, जो लोगों को अपनी समृद्ध विरासत से जोड़ेगा।
सौंदर्यीकरण और नौकायन से बढ़ेगा आकर्षण
डीएम अविनाश सिंह ने झील के सौंदर्यीकरण के लिए व्यापक पौधारोपण, जल संरक्षण, नियमित स्वच्छता, और पर्यावरण अनुकूल गतिविधियों को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि कार्यों की गुणवत्ता में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए झील में नौकायन (बोटिंग) की सुविधा शुरू की जाएगी, जिससे यह स्थल और भी रमणीय बनेगा। साथ ही, वाटर रीचार्ज सिस्टम स्थापित कर झील की जल संरक्षण क्षमता को और मजबूत किया जाएगा।
प्रकृति और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता
निरीक्षण के दौरान डीएम ने ग्रामीणों के साथ मिलकर पौधारोपण किया और सभी से पौधों की देखभाल का आह्वान किया ताकि ये भविष्य में हरे-भरे वृक्ष बन सकें। उन्होंने जल जीवन मिशन के तहत क्षतिग्रस्त सड़कों और झील के बांध की तत्काल मरम्मत के निर्देश दिए। साथ ही, निराश्रित गौवंशों को आश्रय स्थलों में भेजने और किसानों की फसलों को सुरक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाने के आदेश दिए।
पर्यटन के साथ रोजगार सृजन का लक्ष्य
लीलौर झील के विकास से न केवल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। यह परियोजना क्षेत्र की आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ लोगों को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
प्रशासनिक अमला रहा मौजूद
निरीक्षण और समीक्षा बैठक में मुख्य विकास अधिकारी देवयानी, नगर आयुक्त संजीव मौर्य, उपजिलाधिकारी नहने राम सहित कई अधिकारी और स्थानीय ग्रामीण उपस्थित रहे। लीलौर झील का यह कायाकल्प बरेली को पर्यटन के नक्शे पर एक नई पहचान दिलाएगा, जो देश-विदेश के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।
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