फर्जी निस्तारण पर डीएम का चाबुक!
बरेली। "जनता के विश्वास से खिलवाड़ अब नहीं चलेगा!" — यह संदेश बरेली के जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने सोमवार को तहसील सदर में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस के दौरान दिया। डीएम ने अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए चेताया कि फर्जी निस्तारण और लंबित फाइलों को लेकर अब "Zero Tolerance" की नीति अपनाई जाएगी।
"कागजों पर समाधान नहीं, जमीन पर हल चाहिए"
शिकायत निस्तारण रजिस्टर की समीक्षा के दौरान डीएम को कई मामलों में सिर्फ कागजी कार्रवाई का पता चला। उन्होंने साफ कहा:
“जनता को भ्रमित करने की कोशिश की गई तो कार्रवाई तय है। हर शिकायत का हल धरातल पर दिखना चाहिए, वरना जिम्मेदार अफसर बचेंगे नहीं।”
तीन दिन से ज्यादा फाइल रुकी तो कार्रवाई तय
डीएम ने चेताया कि कोई भी फाइल तीन दिन से ज्यादा लंबित नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने कहा “फाइल दबाना अब गंभीर अनुशासनहीनता मानी जाएगी। जो अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं, उन्हें जल्द ही परिणाम भुगतने होंगे।”
गैरहाजिर अफसरों पर सीधा प्रहार
कुछ अफसरों की अनुपस्थिति पर डीएम का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने तीखा संदेश दिया “जो अफसर समाधान दिवस, थाना दिवस या जनता दर्शन से नदारद रहते हैं, वे जनता को मुख्यमंत्री तक भेजने पर मजबूर करते हैं। अब हाजिरी और सक्रियता हर हाल में जरूरी होगी।”
शिकायतकर्ताओं से सीधा संवाद, कार्रवाई के निर्देश
डीएम अविनाश सिंह ने हर शिकायतकर्ता से व्यक्तिगत बातचीत कर उनकी बातों को गंभीरता से सुना। उन्होंने सभी अधिकारियों को स्पष्ट हिदायत दी:
“समाधान सिर्फ रिपोर्ट में नहीं, ज़मीन पर दिखना चाहिए। झूठी रिपोर्ट देने वाले अफसरों पर सख्त एक्शन होगा।”
उन्होंने यह भी आदेश दिया कि सभी शिकायतों की 7 दिन के भीतर दोबारा समीक्षा कर फीडबैक दिया जाए।
वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद
इस दौरान एसएसपी मानुष पारीक, एसडीएम प्रमोद कुमार, तहसीलदार सदर सहित कई विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। सभी को पारदर्शिता और तत्परता से कार्य करने का निर्देश दिया गया।
जनता को मिला भरोसे का नया संबल
डीएम की सख्ती और संवेदनशीलता ने समाधान दिवस को एक औपचारिक कार्यक्रम से हटाकर जन विश्वास का ठोस मंच बना दिया। शिकायतकर्ताओं में आशा जगी है कि अब समस्याएं सिर्फ कागजों पर नहीं, बल्कि जमीन पर हल होंगी।
एक टिप्पणी भेजें