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बरेली-बदायूं में आतंक का पर्याय बना 'बजरूल गैंग' घोषित इंटर डिस्ट्रिक्ट गिरोह

बरेली-बदायूं में आतंक का पर्याय बना 'बजरूल गैंग' घोषित इंटर डिस्ट्रिक्ट गिरोह


बरेली।
संगठित अपराधों के खिलाफ जारी सख्ती के तहत बरेली और बदायूं पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। लंबे समय से दो जिलों में दहशत का प्रतीक बन चुका कुख्यात बजरूल गैंग अब इंटर डिस्ट्रिक्ट गैंग के रूप में आधिकारिक रूप से गैंगस्टर एक्ट के तहत पंजीकृत कर लिया गया है। इस कार्रवाई से जहां अपराधियों में खलबली है, वहीं पुलिस महकमे को इस संगठित गिरोह पर कानूनी शिकंजा कसने का अब अधिक प्रभावी आधार मिल गया है।

गैंग का सरगना। 'चैंपियन' बना अपराधों का मास्टरमाइंड

गिरोह का नेतृत्व बजरूल पुत्र मेराज उर्फ चैंपियन कर रहा था, जो कि बदायूं जिले के कादरचौक थाना क्षेत्र स्थित ग्राम इस्माइल का निवासी है। बजरूल के नेतृत्व में यह गैंग चोरी, हत्या और हत्या के प्रयास जैसी जघन्य वारदातों को अंजाम देता था।

एसएसपी अनुराग आर्य द्वारा भेजे गए प्रस्ताव और संस्तुति को स्वीकार करते हुए डीआईजी अजय कुमार साहनी ने इस गिरोह को आईडी संख्या 7/25 (बरेली) के अंतर्गत अंतरजनपदीय संगठित गिरोह के रूप में सूचीबद्ध करने की मंजूरी दी है।

ऐसे देते थे वारदातों को अंजाम

पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि गैंग एक सुनियोजित रणनीति के तहत आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता था। गिरोह का मुख्य उद्देश्य आर्थिक और भौतिक लाभ अर्जित करना था। चोरी और लूट के जरिए हासिल धन से गैंग के सदस्य ऐशोआराम की जिंदगी जीते थे। गिरोह के पास क्षेत्रीय अपराधियों का नेटवर्क था, जिनके जरिये ये वारदातों को अंजाम देते थे और फिर गुमनामी में चले जाते थे।

अब गैंग पर पुलिस की सीधी नजर

डीआईजी के निर्देश पर गैंग को डीजी परिपत्र के तहत सूचीबद्ध कर दिया गया है, जिससे अब इस पर गैंगस्टर एक्ट के तहत निगरानी, कार्रवाई और संपत्ति ज़ब्ती जैसे कठोर प्रावधान लागू हो गए हैं। एसएसपी बरेली अनुराग आर्य ने इस गैंग की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष निगरानी सेल को सक्रिय कर दिया है।


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