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अपराध, माफिया और लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त — डीआईजी का अल्टीमेटम

अपराध, माफिया और लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त — डीआईजी का अल्टीमेटम


बरेली।
डीआईजी रेंज अजय कुमार साहनी ने मंगलवार को बरेली, बदायूं, पीलीभीत और शाहजहांपुर के पुलिस कप्तानों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की।

बैठक में कानून-व्यवस्था, महिला अपराध, माफियाओं पर कार्रवाई, साइबर क्राइम, सड़क हादसे और कांवड़ यात्रा की तैयारियों की गहन समीक्षा हुई।

डीआईजी ने दो टूक कहा अब सिर्फ रिपोर्ट नहीं, नतीजे दिखें। अपराधियों पर सीधे टूट पड़ें।

 टॉप-10 अपराधियों की सूची बनाएं, गैंगस्टर एक्ट में हो कार्रवाई


डीआईजी ने निर्देश दिए कि हर जिले में सक्रिय टॉप-10 अपराधियों और गैंगस्टरों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

 गैंगस्टर एक्ट, गुण्डा एक्ट और अन्य सख्त धाराओं में केस दर्ज कर त्वरित गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए। लापरवाही पर अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी।


 महिला अपराध और लंबित विवेचनाएं प्राथमिकता में


बैठक में डीआईजी ने महिला उत्पीड़न, दहेज हत्या, रेप, POCSO एक्ट जैसे गंभीर अपराधों की विवेचना की स्थिति जानी।

 हर केस में पीड़िता को न्याय मिलना चाहिए, पुलिस का संवेदनशील चेहरा दिखे।

 लंबित विवेचनाओं को निस्तारित करने की स्पष्ट टाइमलाइन दी गई।

 कांवड़ यात्रा को लेकर एडवांस प्लानिंग के निर्देश


आगामी कांवड़ यात्रा के दौरान शांति और सुरक्षा के मद्देनजर डीआईजी ने कहा संवेदनशील रूटों की समय रहते पहचान करें। स्थानीय खुफिया तंत्र से समन्वय कर सुरक्षा योजना बनाएं। कावंड़ मार्गों पर पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती, CCTV और रूट डायवर्जन की व्यवस्था करें।

साइबर क्राइम को हल्के में न लें, तकनीकी टीम को मिले संसाधन

डीआईजी ने सभी कप्तानों से कहा "साइबर अपराध अब छोटा अपराध नहीं है, इसे नजरअंदाज करना अपराध है।" साइबर थानों की क्षमता बढ़ाएं। तकनीकी टीमों को टूल्स, ट्रेनिंग और संसाधन उपलब्ध कराएं।


 थानों में जब्त संपत्ति, हिस्ट्रीशीटर निगरानी और जवाबदेही पर जोर


बैठक में थानों की स्थिति, निरीक्षण रिपोर्ट, हिस्ट्रीशीटरों की निगरानी और जब्त संपत्तियों के निस्तारण पर विस्तृत चर्चा हुई।

 डीआईजी ने कहा, “थाने अब सिर्फ केस दर्ज करने तक सीमित न रहें हर प्रक्रिया में जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।”

 सड़क हादसे और ब्लैक स्पॉट पर सख्त चिंता


ब्लैक स्पॉट की लिस्ट, iRAD पोर्टल की अपडेटिंग और ट्रैफिक नियंत्रण को लेकर डीआईजी ने कप्तानों से कहा “सड़क सुरक्षा अब पुलिस की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।”

 सभी जिलों को एक्शन प्लान के साथ फील्ड विजिट के निर्देश दिए गए हैं।

 पेंशन और मृतक आश्रितों की नियुक्ति में देरी बर्दाश्त नहीं

बैठक में कई जिलों में मृतक आश्रितों की नियुक्ति और पेंशन भुगतान में देरी सामने आई। डीआईजी ने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा संवेदनशील मामलों में फाइल दौड़नी नहीं चाहिए, कार्रवाई दिखनी चाहिए। डीआईजी का अल्टीमेटम: "अब वक्त कार्रवाई का है, कड़ी निगरानी रखिए।अंत में डीआईजी अजय साहनी ने अफसरों को दो टूक संदेश दिया: “जिला कप्तान खुद मॉनिटरिंग करें। सूचना पर त्वरित कार्रवाई हो। अपराध, माफिया और सिस्टम में ढिलाई अब बर्दाश्त नहीं होगी।

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