News Breaking
Live
wb_sunny

Breaking News

Bareilly News: मन मुताबिक रूट की बसों के लिए चालकों से 15-20 हजार रुपये वसूली, ऑडियो वायरल

Bareilly News: मन मुताबिक रूट की बसों के लिए चालकों से 15-20 हजार रुपये वसूली, ऑडियो वायरल


दो चालकों के बीच हुई बातचीत के वायरल ऑडियो की आरएम कराएंगे जाँच 

बरेली। रोडवेज में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा। अब 15 से 20 हजार रुपये लेकर चालकों के लिए नई बसें और मन मुताबिक रूट आवंटित करने का ऑडियो वायरल हुआ है। वायरल ऑडियो में दो चालक इस संबंध में बातचीत कर रहे हैं। क्षेत्रीय प्रबंधक ने मामले में जांच कराने की बात कही है। चार मिनट 35 सेंकेंड के ऑडियो में सुमित नाम का चालक दूसरे चालक से बात कर रहा है।

वायरल ऑडियो में चालक कह रहा है कि मेरठ की गाड़ी मुझे चाहिए। आप यह बताओ पैसे किसको और कितने देने हैं। दूसरा चालक कह रहा है कि सीधे एआरएम के पास जाओ। इस पर एक चालक कहता है कि एआरएम साहब उससे सीधे रुपये नहीं ले रहे।

इस पर दूसरा चालक कहता है कि बिल्सी वाले मयंक के पास जाओ। ऑडियो में बस नंबर, विकास नाम के चालक का नाम भी आता है।

एक चालक कहता है कि विकास ने 10 हजार रुपये दिए हैं और आप 16 हजार की बात कह रहे हो। एक चालक कह रहा है कि उससे एआरएम ने कहा है कि रुपये मयंक को दे दो। इसके बाद दूसरा चालक बात करता है। वह कहता है कि विकास ने बताया है कि 10 हजार रुपये में उसे बस मिली है। दूसरा चालक कहता है कि रुपये 20 हजार खर्च हो जाएं लेकिन उसको मेरठ ट्रिप के लिए बस मिल जाए।

एक चालक कहता है कि लखनऊ रूट पर चले जाओ 10 हजार में काम हो जाएगा। मेरठ रूट महंगा है। एआरएम ही 16 हजार रुपये लेंगे। ऑडियो से यह तो साफ है कि यह बात बरेली परिक्षेत्र के चालकों के बीच हो हो रही है, लेकिन वायरल ऑडियो यह साफ नहीं हो सका है कि डिपो कौन सा है। जागेश्वर न्यूज़ वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है। 

वही इस मामले में आरएम दीपक चौधरी ने बताया कि ऑडियो संज्ञान में आया है। यह बरेली, रुहेलखंड या फिर बदायूं डिपो का प्रतीत हो रहा है। मामले में जांच कराई जा रही है। जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

मरमत के नाम पर हुई घपलेबाजी में भी नहीं हुई कार्रवाई 

रोडवेज में पहले भी भ्रष्टाचार के मामले सामने आते रहे हैं। बसों की मरम्मत के नाम पर लाखों रुपये के हेरफेर में दोषी पाए गए रुहेलखंड, बरेली और पीलीभीत डिपो के एआरएम व सेवा प्रबंधक के खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। न दोषी फ़र्मो को ब्लैकलिस्ट किया गया।

Tags

Newsletter Signup

Sed ut perspiciatis unde omnis iste natus error sit voluptatem accusantium doloremque.

एक टिप्पणी भेजें