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अब रुहेलखंड विश्वविद्यालय में टहलना होगा महंगा, पास के बिना नहीं मिलेगा प्रवेश

अब रुहेलखंड विश्वविद्यालय में टहलना होगा महंगा, पास के बिना नहीं मिलेगा प्रवेश

बरेली। अब रुहेलखंड विश्वविद्यालय परिसर में सुबह-शाम


टहलना मुफ्त नहीं होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने बाहरी लोगों के अनियंत्रित प्रवेश को रोकने और परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पास व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत हर महीने 500 रुपये का शुल्क लिया जाएगा, जबकि वार्षिक पास के लिए 5000 रुपये अदा करने होंगे। शनिवार को कुलपति प्रो. केपी सिंह के आदेश पर कुलसचिव संजीव कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया।

क्यों लिया गया यह फैसला?

बीते कुछ वर्षों में सुबह और शाम के समय बड़ी संख्या में लोग विश्वविद्यालय परिसर में टहलने, योग, जिम और खेल गतिविधियों के लिए आने लगे थे। सुरक्षा गार्डों द्वारा पूछताछ करने पर कई लोग खुद को किसी अधिकारी, शिक्षक या कर्मचारी का परिचित बताकर परिसर में प्रवेश कर जाते थे। कई बार नोकझोंक और विवाद की स्थिति भी बन जाती थी।

इसके अलावा, प्रशासन को शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ लोग परिसर के पौधों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, फूल तोड़कर ले जाते हैं और यहां तक कि पौधे भी उखाड़कर ले जाते हैं। इस तरह की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने पास व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है।

कैसे मिलेगा प्रवेश पास?

विश्वविद्यालय में आने वाले बाहरी लोगों के लिए गेट पास की अनिवार्यता लागू कर दी गई है। प्रवेश के लिए कम से कम तीन महीने का पास बनवाना अनिवार्य होगा, जिसका शुल्क 1500 रुपये रखा गया है।

अधिकतम पास की अवधि एक वर्ष होगी, जिसके लिए 5000 रुपये अदा करने होंगे। विश्वविद्यालय के गेट नंबर 1, 2 और 3 से आने वाले लोगों को संबंधित विभाग या केंद्र की संस्तुति के बाद चीफ प्रॉक्टर कार्यालय से पास जारी किया जाएगा।

छात्रों और स्थानीय लोगों में मिली-जुली प्रतिक्रिया

इस नए नियम को लेकर छात्रों और स्थानीय नागरिकों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोगों का मानना है कि यह निर्णय विश्वविद्यालय परिसर की सुरक्षा और स्वच्छता बनाए रखने के लिए जरूरी है। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि ऐसे फैसले से आम जनता के लिए विश्वविद्यालय का खुलापन खत्म हो जाएगा।

अब देखना होगा कि यह नियम कितना प्रभावी साबित होता है और लोग इसे किस तरह स्वीकार करते हैं।


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