रामलीला में जीवंत हुआ राम-सुग्रीव मिलन, बाली वध और लंका दहन का भव्य मंचन
बरेली। ब्रह्मपुरी में चल रही 165वीं ऐतिहासिक रामलीला में गुरुवार को राम-सुग्रीव मित्रता, बाली वध और हनुमानजी द्वारा लंका दहन की दिव्य लीलाओं का भव्य मंचन किया गया। इस दृश्य को देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़े और जय श्रीराम के उद्घोष से पूरा पंडाल गूंज उठा। मंचन के दौरान जब श्रीराम ने बाली का वध किया और हनुमानजी ने लंका जलाकर लौटे, तो दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साह बढ़ाया।
सीता की खोज में निकले राम-लक्ष्मण
लीला मंचन से पहले गुरु व्यास मुनेश्वर जी ने कथा का संक्षिप्त वर्णन किया। उन्होंने बताया कि जब लंकापति रावण माता सीता का हरण कर ले गया, तो भगवान श्रीराम और लक्ष्मण उनकी खोज में दक्षिण दिशा की ओर बढ़े। रास्ते में उन्होंने कबंध राक्षस का वध किया, जिसने मरते समय उन्हें ऋष्यमूक पर्वत पर वानरराज सुग्रीव से मिलने की सलाह दी।
राम-सुग्रीव की मित्रता और बाली वध
ऋष्यमूक पर्वत पहुंचने पर भगवान श्रीराम की पहले हनुमानजी से भेंट हुई, फिर सुग्रीव से। सुग्रीव ने रामजी को अपना दुख सुनाया कि उनका भाई बाली अन्यायपूर्वक उनकी पत्नी और राज्य हड़पकर उन्हें जंगलों में भटकने को मजबूर कर रहा है।श्रीराम ने सुग्रीव को न्याय दिलाने का वचन दिया और उनकी सहायता के लिए आगे बढ़े। जब बाली और सुग्रीव में द्वंद्व हुआ, तो प्रभु श्रीराम ने एक ही बाण से बाली का वध कर दिया और सुग्रीव को किष्किंधा का राजा बना दिया।
हनुमान पहुंचे लंका, जलाकर लौटे
सुग्रीव ने सीता माता की खोज के लिए अपनी वानर सेना भेजी। भगवान राम के अनन्य भक्त हनुमानजी समुद्र लांघकर लंका पहुंचे और माता सीता का हाल जाना। उन्होंने अशोक वाटिका में राक्षसों का संहार किया और रावण को चेतावनी दी कि यदि उसने माता सीता को मुक्त नहीं किया, तो लंका का विनाश निश्चित है। रावण ने क्रोधित होकर हनुमानजी की पूंछ में आग लगवा दी, लेकिन महावीर हनुमान ने उसी जलती पूंछ से पूरी लंका को अग्नि के हवाले कर दिया और सुरक्षित श्रीराम के पास लौट आए।
आज होगा सेतुबंध और अंगद-रावण संवाद का मंचन
रामलीला समिति के प्रवक्ता विशाल मेहरोत्रा ने बताया कि शुक्रवार को सेतुबंध, समुद्र पार और अंगद-रावण संवाद की लीलाएं मंचित की जाएंगी।
समिति के अध्यक्ष राजू मिश्रा ने रामलीला को सफल बनाने के लिए सभी पदाधिकारियों और रामभक्तों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर संरक्षक सर्वेश रस्तोगी, महामंत्री सुनील रस्तोगी, दिनेश दद्दा, कोषाध्यक्ष राजकुमार गुप्ता, लीला प्रभारी अखिलेश अग्रवाल, विवेक शर्मा, सत्येंद्र पांडेय, नीरज रस्तोगी, बॉबी रस्तोगी, दीपेंद्र वर्मा, अमित वर्मा, लवलीन कपूर, कमल टंडन, धीरज दीक्षित, महिवाल रस्तोगी, गौरव सक्सेना, एडवोकेट पंकज मिश्रा, सोनू पाठक सहित कई गणमान्यजन उपस्थित रहे।
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