बरेली: ज़हरीले हो चुके बाजार! सरसों तेल, मैदा, बेसन, दूध समेत 75 खाद्य पदार्थों में खतरनाक मिलावट, 19 पूरी तरह अनसेफ
129 में से 75 नमूने फेल, मिलावटी खाद्य पदार्थों का बड़ा खुलासा
बरेली। जिले में मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने के तमाम दावों के बावजूद ज़हरीला कारोबार जारी है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) की जांच में सरसों का तेल, नमकीन, काजू बर्फी, मैदा, बेसन, दूध और कई अन्य खाद्य पदार्थों में खतरनाक मिलावट पाई गई है। मार्च 2025 में अब तक लिए गए 129 नमूनों में से 75 फेल हो गए, जिनमें 19 खाद्य पदार्थ पूरी तरह "अनसेफ" यानी स्वास्थ्य के लिए घातक पाए गए। बाकी 55 नमूनों में भी मिलावट की पुष्टि हुई है।
ये खाद्य पदार्थ अनसेफ घोषित, मिलावट का बड़ा जाल बेनकाब
FSDA की जांच रिपोर्ट के अनुसार, कई प्रतिष्ठित दुकानों और विक्रेताओं के खाद्य उत्पाद मिलावटी पाए गए।
सबसे ज़हरीले (अनसेफ) खाद्य पदार्थ और उनके विक्रेता:
बेसन, मैदा – आशिक खान (परसाखेड़ा)
धनिया पाउडर – अनुज अग्रवाल (कालीबाड़ी)
भैंस का दूध – कौशल यादव (रसुइया सरकंडा), प्रशांत जायसवाल (रामपुर गार्डन)
सरसों का तेल – सगीर अहमद (फरीदपुर)
नमकीन, काजू बर्फी – सुरेश कुमार (बुढ़िया कॉलोनी, बहेड़ी)
लाल मिर्च पाउडर – अशरफ अली (मौला नगर), गौरव (बाजपेयी स्वीट कार्नर, सुभाषनगर)
क्रीम – खुशी भोजनालय (पीलीभीत बाइपास)
काली मिर्च-सेव – नसीर (नानबाई गली)
अरहर दाल – अब्दुल जाकिर (परतापुर चौधरी), शकील (बंडिया)
साबुत हल्दी – चंद्रभान (विशारतगंज)
दही – हेमंत सिंह (द बियर कैफे, पीलीभीत बाइपास), वाजिद (फरीदी स्वीट्स हाउस, विशारतगंज), अमर सिंह (खानपुर, फरीदपुर)
मिश्रित दूध – तसलीम लस्सी सेंटर (फतेहगंज)
बूंदी – मिसब्रांड खाद्य पदार्थ के रूप में मिला
कैसे पकड़ी गई मिलावट?
खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने मार्च महीने में अलग-अलग बाज़ारों से 129 खाद्य पदार्थों के सैंपल इकट्ठा किए थे। इनकी लैब टेस्टिंग के बाद चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई, जिसमें 75 नमूने पूरी तरह असुरक्षित निकले। इनमें कई खाद्य पदार्थ जहरीले पाए गए, जो सीधे तौर पर लोगों की सेहत के लिए खतरा बन सकते हैं।
कौन-कौन सी मिलावट पाई गई?
सरसों तेल – सिंथेटिक रंगों और खतरनाक केमिकल की मिलावट
दूध और दही – सिंथेटिक दूध, यूरिया और डिटर्जेंट के अंश
मैदा-बेसन – सस्ते और हानिकारक पाउडर की मिलावट
हल्दी, धनिया, मिर्च पाउडर – सिंथेटिक रंग और क्रोमियम जैसे हानिकारक तत्व
नमकीन और मिठाई – ग़लत तेलों और मिलावटी घी का इस्तेमाल
अब क्या होगी कार्रवाई?
मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अक्षय गोयल के अनुसार, सभी दोषी दुकानदारों और विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मिलावट करने वालों पर मुकदमा दर्ज होगा। जरूरत पड़ने पर लाइसेंस रद्द किया जाएगा। प्रशासन मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री रोकने के लिए छापेमारी तेज करेगा।
कैसे करें मिलावटी खाद्य पदार्थों की पहचान?
खाद्य सुरक्षा विभाग उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए अभियान चला रहा है। कुछ घरेलू तरीके अपनाकर मिलावट की पहचान की जा सकती है:
सरसों तेल – सफेद ब्लॉटिंग पेपर पर कुछ बूंदें डालें, अगर रंग छोड़े तो मिलावटी है।
मिर्च पाउडर – पानी में डालें, अगर रंग फैलने लगे तो मिलावट है।
दूध – उबालने पर झाग ज्यादा बने और जल्दी बैठ जाए तो इसमें मिलावट हो सकती है।
मैदा और बेसन – हथेली पर रगड़ने पर ज्यादा चिकनाहट महसूस हो तो सस्ता मिलावटी पदार्थ मिलाया गया है।
जनता को सतर्क रहने की जरूरत
इस चौंकाने वाले खुलासे के बाद प्रशासन ने जनता से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध खाद्य पदार्थ की शिकायत खाद्य सुरक्षा हेल्पलाइन पर दर्ज कराने की अपील की है। मिलावटखोरी को रोकने के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि लोगों की सेहत से खिलवाड़ बंद हो सके।
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