URS-E-RIZWI: परचम कुशाई की रस्म से आज होगा उर्स-ए-रिजवी का आगाज, देश-विदेश से हजारों जायरीन बरेली पहुंचे
बरेली। आला हजरत फाजिले बरेलवी का तीन दिवसीय 106वां उर्स-ए-रजवी गुरुवार से मनाया जाएगा। इसके लिए दरगाह की ओर से कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। उर्स का आगाज परचम कुशाई की रस्म से होगा। उर्स में शामिल होने के लिए देश-विदेश से हजारों जायरीन आए हैं। सभी रस्में दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां की सरपरस्ती व सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी की सदारत में होंगी। निगरानी सैयद आसिफ मियां व राशिद अली खान की रहेगी। उर्स के कार्यक्रम दरगाह परिसर व इस्लामिया मैदान में होंगे।
पहले दिन इस्लामिया मैदान में परचम कुशाई की रस्म शाम छह बजे अदा की जाएगी। इससे पहले आजम नगर स्थित हाजी अल्लाह बख्श के निवास से परचमी जुलूस शाम चार बजे सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां की कयादत में कुमार टॉकीज बिहारीपुर के रास्ते दरगाह पहुंचेगा। यहां सलामी देने के बाद जुलूस इस्लामिया मैदान पहुंचेगा। शाम छह बजे महफिल-ए-मिलाद होगी। रात में 10 बजकर 35 मिनट पर आला हजरत के बड़े साहिबजादे हुज्जातुल इस्लाम का कुल होगा। इसके बाद रात में नौ बजे से नातिया मुशायरा होगा। मुफ्ती सलीम नूरी बरेलवी ने बताया कि मुशायरा में देश-विदेश के नामचीन शायर शिरकत करेंगे।
वहीं, दूसरे दिन 30 अगस्त को सुबह छह बजे कुरानख्वानी के बाद 10 बजे से कॉन्फ्रेस होगी। सुबह 9:58 बजे रेहान-ए- मिल्लत व 10:30 बजे मुफस्सिर-ए-आजम के कुल शरीफ की रस्म होगी। इसके बाद आपसी सौहार्द व नामूस-ए-रिसालत कॉन्फ्रेंस होगी। रात में नौ बजे से दुनियाभर के मशहूर उलमा की तकरीर होगी। देर रात एक बजकर 40 मिनट पर मुफ्ती आजम-ए-हिंद के कुल की रस्म की जाएगी।
आखिरी दिन 31 अगस्त को बाद सुबह छह बजे कुरानख्वानी, सुबह आठ बजे से नात-ओ-मनकबत व तकरीर का सिलसिला शुरू होगा। आखिर में दो बजकर 38 मिनट पर आला हजरत के कुल की रस्म के साथ उर्स का समापन होगा।
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