Bareilly News: सोबतीस पब्लिक स्कूल में मासूम छात्र का किया जा रहा उत्पीड़न, डीएम से लगाई गुहार
- बच्चे की मां ने डीएम से शिकायत कर स्कूल प्रबंध और अध्यापकों पर की कार्रवाई की मांग
बरेली। स्कूल बच्चे का व्यक्तित्व निखारने, भविष्य संवारने और सीखने की क्षमता को गति देने का काम करते हैं। लेकिन अधिकांश निजी स्कूलों की हालत सरकारी स्कूलों से भी खराब हो गयी है। स्कूल संचालक तमाम तरह की फीस, महंगी किताबें, ड्रेस आदि के नाम पर अभिभावकों का शोषण करते ही हैं। सोबतीस पब्लिक स्कूल पर बच्चे का मानसिक शोषण करने का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी से शिकायत की है। मामला शहर के ग्रीन पार्क स्थित सोबतीस पब्लिक स्कूल का है जहां पर एलकेजी कक्षा के एक छात्र जिसकी उम्र चार वर्ष आठ माह है। आरोप है कि शिक्षकों द्वारा बच्चे का मानसिक उत्पीडन किया जा रहा है। आनंदम होम निवासी शिवांगी गुप्ता ने जिलाधिकारी रविंद्र कुमार से शिकायत की है। आरोप है कि स्कूल के अध्यापकों द्वारा 5 जुलाई और 10 जुलाई को बच्चे की कॉपी में कुछ काम इतनी जल्दबाजी में चैक कर दिया गया जिसके कारण कुछ गलतियां स्कूल के शिक्षकों द्वारा छोड़ दी गई। इस बात की शिकायत बच्चे की माँ ने स्कूल के अध्यापकों से की, तब उन्होंने भविष्य में ऐसा न होने की बात कहकर बात को टाल दिया। इतनी सी बात को लेकर विद्यालय प्रबंधन बच्चे तथा बच्चे के माता पिता के खिलाफ हो गए और मासूम बच्चे का मानसिक उत्पीड़न शुरू कर दिया। जिससे बच्चा अब विद्यालय जाने से कतरा रहा है। जब इस बात की शिकायत लेकर बच्चे के माता-पिता विद्यालय पहुंचे, तब विद्यालय अपनी गलती मानने की बजाय बच्चे को ही गलत साबित करने पर उतारू हो गया। विद्यालय प्रबंधन द्वारा तमाम दलीलें देते हुए अपनी कार्यशाली को उत्कृष्ट बताने का प्रयास किया जाता रहा। विद्यालय के प्रबंधन द्वारा एक बार भी बच्चे के माता-पिता का मानसिक स्तर जानने की कोई भी कोशिश नहीं की गई और न ही बच्चे के भविष्य को लेकर विद्यालय प्रबंधन ने कोई सुधार करने का कोई ठोस कदम उठाया। बल्कि बच्चे की मां से विद्यालय प्रबंधन कहने लगा कि यदि आपको विद्यालय से ज्यादा ही परेशानी है तो आप अपने बच्चे का नाम यहां से कटवा सकते हैं। अब बच्चे के माता-पिता के सामने एक बड़ी समस्या सामने है कि वह बीच शैक्षिक सत्र में अपने बच्चे का नाम कहां लिखवायें। और यदि इस सोबतीस पब्लिक स्कूल ग्रीनपार्क में बच्चे को समझा बुझा के भेज भी दें, तो क्या विद्यालय उनके बच्चे का दोबारा मानसिक उत्पीड़न नहीं करेगा। अपने बच्चे के भविष्य को लेकर चिंतित माता-पिता ने जिलाधिकारी रविंद्र कुमार से न्याय की मांग की है।इस मामले में स्कूल के प्रिंसिपल गुरदीप सिंह ने आरोपो को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि टीचर द्वारा बच्चे की कॉपी चेक की गयी थी। उसमे कुछ गलती थी। उसके बच्चे ने घर पर किस तरह से बताया उसके बारे में जानकारी नहीं हैं।
एक टिप्पणी भेजें