Bareilly News: मुसलमानों को डराने का काम कर रहे अखिलेश और फारूक अब्दुल्ला- मौलाना शहाबुद्दीन
बरेली। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के चलते रोजाना नए मुद्दे खड़े हो रहे हैं। सियासी दलों से जुड़े लोग मुसलमानों को डराने में लगे हुए हैं। इनमें खास तौर पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और सपा प्रमुख अखिलेश यादव हैं। मौलाना ने कहा कि ये दोनों नेता अपनी चुनावी सभाओं में मुसलमानों को डराने का काम कर रहे हैं। भारत में मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं। उन्होंने कहा कि देश की तरक्की और आजादी में मुसलमानों का भरपूर योगदान रहा है। जो लोग संविधान और लोकतंत्र को खत्म करने की बात कर रहे हैं, वे लोग ख्वाब की जिंदगी जी रहे हैं। हमारा संविधान डॉक्टर भीमराव आंबेडकर का बनाया हुआ है, जो मजबूत बुनियादों पर कायम है। संविधान को कोई भी व्यक्ति या सरकार नहीं बदल सकती है। इसलिए देश की व्यवस्था संविधान के मातहत है। संविधान ही एक ऐसी किताब है जिसमें सभी धर्मों के लोगों को एक साथ जोड़ रखा है।
मौलाना ने कहा कि चुनाव में कुछ पार्टियों के लोग लोकतंत्र को खत्म करने का शोर मचा रहे हैं। मगर उन लोगों को ये सोचना चाहिए कि भारत की खूबसूरती लोकतंत्र से है। जब लोकतंत्र हीं नहीं होगा तो भारत की खूबसूरती भी खत्म हो जाएगी। इसका नुकसान कितना बड़ा होगा उसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मैं दावे से कहता हूं कि भविष्य में भी 500 साल तक कोई ऐसी ताकत नहीं आने वाली है जो भारत के लोकतंत्र को खत्म कर सके।
शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि जो लोग संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ का नारा लगाकर मुसलमानों को डराना चाहते हैं, वे गलतफहमी में हैं। मुसलमान इन तमाम बातों को खूब समझता है। सिर्फ खुदा के अलावा किसी से नहीं डरता। फारूक अब्दुल्ला और अखिलेश यादव अपनी चुनावी सभाओं में मुसलमानों को डराने का काम कर रहे हैं। कहते हैं संविधान खतरे में है, लोकतंत्र खतरे में है और मुसलमान खतरे में है। इन लोगों को इस तरह बातें बंद कर देना चाहिए। मुसलमान तो सिर्फ खुदा और रसूल से डरता है। इन नेताओं की बातों से मुसलमान डरने वाला नहीं है। चुनाव के परिणाम जो भी हों, हम उनका सामना करने के लिए तैयार हैं।
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