क्लासिक कॉलेज ऑफ लॉ में हुआ अधिवक्ता पाल्य प्रतिभा सम्मान समारोह
बरेली। क्लासिक कॉलेज ऑफ लॉ में शनिवार को अधिवक्ता पाल्य प्रतिभा सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस विशेष कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए अधिवक्ताओं के उन मेधावी पाल्यों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर अधिवक्ता समाज का गौरव बढ़ाया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बरेली के जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुधीर कुमार ने छात्रों को न्यायिक सेवा में सफलता के लिए प्रेरक मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा, यदि कोई विद्यार्थी जज बनना चाहता है तो उसे शुरुआत से ही अपने लक्ष्य के प्रति गंभीर होना चाहिए। ग्रुप स्टडी करें, न्यायालय की कार्यवाही को देखें, नए कानूनों का अध्ययन करें और मार्गदर्शन के लिए एक योग्य गुरु चुनें।
जिला जज ने शिक्षा को राष्ट्र की नींव बताते हुए कहा कि जब अधिवक्ता समाज अपने बच्चों को मंच प्रदान कर उन्हें सम्मानित करता है, तो यह सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक सशक्त पहल बन जाती है। उन्होंने ईमानदारी, अनुशासन और परिश्रम को सफलता की कुंजी बताया।
इस मौके पर 12वीं कक्षा के छात्रों में आख्या शर्मा और उन्नति शर्मा ने संयुक्त रूप से प्रथम स्थान (95%) प्राप्त किया, जबकि सात्विक गुप्ता ने द्वितीय स्थान (90%) अर्जित किया। कक्षा 10वीं में सूर्यवंशी जैन ने प्रथम स्थान (98.80%), मोहम्मद हसनैन खान ने द्वितीय स्थान (95%) और सांवि चंद्रा ने तृतीय स्थान (93%) प्राप्त कर सबका ध्यान खींचा।
गौरतलब है कि अधिकांश छात्र न्यायिक सेवा में जाकर जज बनने की इच्छा जता रहे थे, जो यह दर्शाता है कि नई पीढ़ी न्याय, सत्य और सेवा के मूल्यों के साथ आगे बढ़ रही है।
कार्यक्रम में बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के सदस्य एवं पूर्व अध्यक्ष शिरीष मेहरोत्रा ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, यह आयोजन अधिवक्ता समाज की सामूहिक चेतना और शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह एक परंपरा का रूप लेगा।
स्मृति चिन्ह और सम्मान पत्रों के वितरण के दौरान छात्रों और अभिभावकों में गर्व और उत्साह का माहौल देखने को मिला। कार्यक्रम का संचालन डॉ. वंकेश कुमार शर्मा और शुमाईला अंजुम ने किया। समापन पर सभी विशिष्ट अतिथियों को कॉलेज की ओर से सम्मान स्वरूप स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।
यह समारोह केवल सम्मान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह युवाओं को न्याय, शिक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी की ओर प्रेरित करने वाली एक ऐतिहासिक पहल के रूप में याद किया जाएगा।
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