बरेली में फर्जी रजिस्ट्री गिरोह का सनसनीखेज खुलासा: विजय अग्रवाल गैंग का मैनेजर गिरफ्तार, लेखपाल से स्टाम्प वेंडर तक शामिल
बरेली। जमीन घोटालों की काली दुनिया का एक और स्याह चेहरा बेनकाब हो गया है। बरेली पुलिस ने मंगलवार को कुख्यात विजय अग्रवाल गैंग का पर्दाफाश करते हुए इसके अहम कड़ी और मैनेजर कार्तिकेय त्रिपाठी को धर दबोचा। यह गिरोह लेखपालों, स्टाम्प वेंडरों और सरकारी सिस्टम की कमजोरियों का फायदा उठाकर करोड़ों रुपये की जमीनें हड़प रहा था। एसएसपी अनुराग आर्य के कड़े निर्देशों पर एसपी सिटी मानुष पारीक की अगुवाई में इस संगठित अपराधी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया गया।
जमीन घोटाले का मास्टरप्लान
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि विजय अग्रवाल गैंग एक सुनियोजित और शातिर तरीके से काम करता था। गिरोह का ऑपरेशन इस तरह चलता था:
1. जानकारी जुटाना: सबसे पहले असली जमीन मालिक की पूरी डिटेल जुटाई जाती थी।
2. फर्जी दस्तावेज: इसके बाद नकली कागजात तैयार कर रजिस्ट्री कराई जाती थी।
3. भ्रष्ट नेटवर्क: लेखपालों और स्टाम्प वेंडरों के साथ मिलकर ई-स्टाम्प से लेकर रजिस्ट्री तक की पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता था।
4. जमीन की बिक्री: कब्जाई गई जमीन को ऊंचे दामों पर बेचकर मोटा मुनाफा कमाया जाता था।
24 लाख का ई-स्टाम्प घोटाला
गिरफ्तार मैनेजर कार्तिकेय त्रिपाठी, जो किला क्षेत्र के चौधरी गुलाबनगर का रहने वाला है, विजय अग्रवाल का दाहिना हाथ था। जांच में पता चला कि 17 मार्च 2023 को गिरोह ने हरिओम नामक व्यक्ति के जरिए 3.30 करोड़ रुपये की सरकारी कीमत वाली जमीन का फर्जी बैनामा पल्लव और प्रदीप के नाम कराया। इस सौदे में 24 लाख रुपये का ई-स्टाम्प ट्रांजैक्शन किया गया, जो इस घोटाले की गहराई को दर्शाता है।
दो सरकारी कर्मचारी पहले से जेल में
इस मामले में पुलिस पहले ही दो सरकारी कर्मचारियों—लेखपाल सावन कुमार जयसवाल और अमित सिंह राठौर—को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इन पर फर्जी दस्तावेजों को वैधता दिलाने का गंभीर आरोप है। इनके सहयोग के बिना यह घोटाला इतने बड़े पैमाने पर संभव नहीं था।
गिरोह पर पांच मुकदमे
विजय अग्रवाल गैंग के खिलाफ बरेली के अलग-अलग थानों में अब तक पांच एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। कार्तिकेय त्रिपाठी को बेहद शातिर माना जा रहा है, जो सरकारी सिस्टम की कमियों का बखूबी फायदा उठाता था। पुलिस उससे गहन पूछताछ कर रही है और जल्द ही इस गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी की उम्मीद है।
पुलिस की सख्त कार्रवाई
एसपी सिटी मानुष पारीक ने बताया कि यह गिरोह लंबे समय से बरेली में जमीन घोटालों को अंजाम दे रहा था। पुलिस अब इस नेटवर्क के हर पहलू की गहराई से जांच कर रही है। एसएसपी अनुराग आर्य ने कहा, “हमारा मकसद इस तरह के संगठित अपराधों को जड़ से खत्म करना है। कोई भी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह सरकारी कर्मचारी हो या प्राइवेट व्यक्ति।”
आम जनता के लिए चेतावनी
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि जमीन खरीदने से पहले सभी दस्तावेजों की अच्छी तरह जांच कर लें। फर्जी रजिस्ट्री जैसे मामले आम लोगों की मेहनत की कमाई को डुबाने का काम करते हैं। बरेली पुलिस की इस कार्रवाई ने न केवल एक बड़े घोटाले का खुलासा किया है, बल्कि भविष्य में होने वाले ऐसे अपराधों के खिलाफ भी सख्त संदेश दिया है।
पुलिस की यह कार्रवाई बरेली में जमीन घोटालों के खिलाफ एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। जांच अभी जारी है और जल्द ही इस गिरोह के और राज खुलने की उम्मीद है।
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