News Breaking
Live
wb_sunny

Breaking News

मुखबिर ने दामाद संग मचाया आतंक: फायरिंग-पथराव में कई घायल, थाने में उमड़ा गुस्सा, पुलिस पर संरक्षण के आरोप

मुखबिर ने दामाद संग मचाया आतंक: फायरिंग-पथराव में कई घायल, थाने में उमड़ा गुस्सा, पुलिस पर संरक्षण के आरोप



बरेली।
किला के कुंवरपुर मोहल्ला रविवार रात उस समय रणभूमि में तब्दील हो गया जब पुलिस का कथित मुखबिर प्रवीन सक्सेना अपने दामाद व दर्जनों साथियों के साथ मिलकर बर्बरता पर उतर आया। आरोप है कि पुरानी रंजिश के चलते दबंगों ने घरों पर पथराव, लाठीचार्ज और खुलेआम फायरिंग कर मोहल्ले में दहशत फैला दी। हमले में कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि एक कार को भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया।

50 से अधिक हमलावर, हथियारों से लैस गिरोह का कहर

पीड़ित राजकुमार कनौजिया, महेश यादव व अन्य ने बताया कि हमलावरों में प्रवीन सक्सेना, उसका दामाद बन्टू वाल्मीकि, छोटू पुत्र सुनील फौजी, टूटा, फंदूस, राजकुमार वाल्मीकि, चन्ना, विक्की समेत 50 से ज्यादा लोग शामिल थे। हमलावरों ने शेखर कनौजिया, भानू सक्सेना, महेश यादव आदि के घरों को निशाना बनाते हुए पत्थरों की बौछार कर दी।

तमंचों से फायरिंग, चीख-पुकार से कांपा इलाका

चश्मदीदों के मुताबिक, हमलावरों ने न सिर्फ लाठी-डंडों से हमला किया बल्कि तमंचे लहराते हुए कई राउंड फायरिंग भी की। गोलियों की आवाज और चीख-पुकार से मोहल्ला कांप उठा। लोग दरवाजे बंद कर जान बचाने में जुट गए।


थाने पर हंगामा, धरने पर बैठे लोग

घटना के बाद सैकड़ों आक्रोशित लोग किला थाने पहुंच गए और जमकर नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रवीन सक्सेना वर्षों से पुलिस के लिए मुखबिरी करता आ रहा है, इसलिए पुलिस उसे बचा रही है।

"मेरी जेब में पुलिस है..." — खुला ऐलान करता है प्रवीन

पीड़ितों का दावा है कि आरोपी प्रवीन खुलेआम धमकी देता है कि "मेरी जेब में पुलिस है, कोई मेरा कुछ नहीं कर सकता।" यही कारण है कि घटना के घंटों बाद भी कोई FIR दर्ज नहीं की गई।

कार्रवाई के इंतजार में लोग, चेतावनी दी आंदोलन की

प्रभावित परिवारों की तहरीर के बावजूद समाचार लिखे जाने तक पुलिस ने न तो एफआईआर दर्ज की और न ही किसी गिरफ्तारी की। लोगों ने चेताया है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो उग्र आंदोलन होगा जिसकी जिम्मेदार पुलिस प्रशासन होगी।

Tags

Newsletter Signup

Sed ut perspiciatis unde omnis iste natus error sit voluptatem accusantium doloremque.

एक टिप्पणी भेजें