Bareilly: अवैध पंपों पर खुलेआम बिक रहा पेट्रोल-डीजल, गर्मी में बड़ा हादसा कभी भी संभव
बरेली। ज़िले के कई ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों को दरकिनार कर अवैध रूप से पेट्रोल और डीजल की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है। फतेहगंज पूर्वी के खेड़ा बझेड़ा रोड, नवाबगंज तहसील के अहमदाबाद गांव, फरीदपुर तहसील के रायपुर हंस गांव और सदर तहसील के जटायु पट्टी जैसे इलाकों में बिना किसी लाइसेंस और सुरक्षा व्यवस्था के यह ज्वलनशील पदार्थ खुलेआम बेचे जा रहे हैं।
भीषण गर्मी में हादसे का खतरा
इस समय उत्तर भारत भीषण गर्मी की चपेट में है। ऐसे में पेट्रोल और डीजल जैसे अत्यंत ज्वलनशील पदार्थों का बिना किसी सुरक्षा उपायों के भंडारण और बिक्री स्थानीय लोगों की जान के लिए खतरा बन सकता है। मामूली सी चिंगारी भी बड़े अग्निकांड का कारण बन सकती है।
बिना लाइसेंस, खुलेआम कारोबार
स्थानीय सूत्रों की मानें तो इन पंपों पर पेट्रोल-डीजल का भंडारण न तो किसी मानक टैंक में होता है और न ही फायर सेफ्टी का कोई इंतज़ाम होता है। इन्हें न कोई लाइसेंस प्राप्त है, न ही कोई वैधानिक अनुमति। फिर भी बिक्री बेधड़क जारी है।
जिम्मेदार विभाग चुप्पी साधे
इस गंभीर मामले की जानकारी होने के बावजूद जिला प्रशासन और आपूर्ति विभाग किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इससे यह संदेह उत्पन्न हो रहा है कि कहीं अधिकारियों की मिलीभगत तो इस अवैध कारोबार में नहीं है?
स्थानीय जनता डरी-सहमी
इन इलाकों के ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार इस खतरे की ओर अधिकारियों का ध्यान खींचा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। “एक चिंगारी पूरा गांव जला सकती है, लेकिन अधिकारी तब जागेंगे जब कुछ अनहोनी हो जाएगी,” — ऐसा कहना है रायपुर हंस गांव के एक बुजुर्ग निवासी का।
सुरक्षा मानकों की उड़ रही धज्जियां
अवैध पंपों पर न तो अग्निशमन यंत्र हैं और न ही कोई सुरक्षा प्रशिक्षण प्राप्त कर्मचारी। यहां तक कि आस-पास के इलाकों में आवासीय मकान और दुकानें भी मौजूद हैं, जिससे खतरा और अधिक बढ़ जाता है। स्थानीय लोग भय के साये में जीने को मजबूर हैं।
बिथरी चैनपुर में मिलावटी पेट्रोल-डीज़ल का अवैध भंडारण, टैंकरो से होती है सप्लाई
बिथरी चैनपुर थाना क्षेत्र में मिलावटी पेट्रोल और डीज़ल का अवैध भंडारण खुलेआम किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, यह सारा खेल स्थानीय भाजपा नेता का है। जिसकी वजह से प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह धंधा लंबे समय से जारी है, जहां बिना किसी लाइसेंस और सुरक्षा उपायों के पेट्रोल-डीज़ल की भारी मात्रा में मिलावट कर भंडारण किया जा रहा है। इससे न केवल लोगों के वाहनों को नुकसान हो रहा है, बल्कि आगजनी जैसी घटनाओं का भी खतरा मंडरा रहा है।
बड़ी बात यह है कि संबंधित थाने और ज़िला पूर्ति विभाग को सब कुछ पता होने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। लोगों का आरोप है कि राजनीतिक दबाव के चलते अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं।
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