सपा नेता पर एक करोड़ की ठगी, रंगदारी में पांच करोड़ की मांग और हत्या की कोशिश का सनसनीखेज आरोप
बरेली। समाजवादी पार्टी के एक दबंग नेता पर एक किसान से ज़मीन के नाम पर एक करोड़ रुपये की ठगी, रंगदारी में 5 करोड़ की मांग और हत्या की कोशिश का संगीन मामला सामने आया है। पीड़ित किसान ने इस संबंध में उपमुख्यमंत्री को प्रेषित शिकायत पत्र के जरिए न्याय की गुहार लगाई है।
शिकायत के अनुसार, आरोपी सपा नेता हरीश लाखा ने कोर्ट के स्पष्ट स्टे आदेश के बावजूद विवादित ज़मीन पर जबरन कब्जा कराने की कोशिश की और विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी। मामले में थाना कैंट में नामजद एफआईआर दर्ज हो चुकी है, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
ठगी की पटकथा: फर्जी दामाद, नकली सौदा और कोर्ट की अवमानना
कैंट थाना क्षेत्र के ग्राम मोहनपुर नकटिया निवासी किसान राजकुमार ने बताया कि उन्होंने जून 2024 में मेरठ निवासी चिन्मय के माध्यम से थाना भुता क्षेत्र के रजपुरी नवादा गांव की 3.86 हेक्टेयर कृषि भूमि का सौदा किया। भूमि स्वामिनी विजया बताई गई और कीमत तय हुई 11.59 करोड़ रुपये। बतौर एडवांस, राजकुमार ने 1 करोड़ रुपये — नकद और चेक में — चिन्मय को दिए। चिन्मय ने खुद को विजया का दामाद बताया था।
इसके बावजूद, अगस्त से अक्टूबर 2024 तक कई आग्रहों के बावजूद रजिस्ट्री नहीं कराई गई। 17 अक्टूबर की शाम चिन्मय, हथियारबंद गुर्गों के साथ अमर सिंह के 100 फुटा रोड स्थित ऑफिस में घुसा और धमकाते हुए कहा कि अब वो ज़मीन सपा नेता हरीश लाखा को बेची जा रही है। अगर जमीन चाहिए, तो 5 करोड़ और दो। विरोध करने पर अमर सिंह के सीने पर तमंचा तान दिया गया और करीब डेढ़ घंटे तक बंधक बनाकर जान से मारने की धमकी दी गई।
स्टे के बाद भी कब्जे की कोशिश, गला दबाकर हत्या का प्रयास
राजकुमार ने कोर्ट से राहत लेकर जमीन पर स्टे आदेश प्राप्त किया, लेकिन मार्च 2025 में हथियारबंद लोग जबरन कब्जे के इरादे से पहुंच गए। जब राजकुमार और अमर सिंह मौके पर पहुंचे, तो गुर्गों ने हरीश लाखा से फोन पर बात कराई। आरोप है कि लाखा ने धमकी देते हुए कहा— “तेरी औकात क्या है? पूरे ज़िले में मेरे इशारे पर सब नाचते हैं।”
इसके बाद, गुर्गों ने अमर सिंह के गले में गमछा कसकर जान से मारने की कोशिश की। शोर सुनकर राहगीर पहुंचे, तब जाकर हमलावर भागे। डायल 112 पर सूचना देने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और कब्जे की कोशिश को रोका गया।
कोर्ट की अवमानना और कई गंभीर धाराओं में कार्रवाई की मांग
पीड़ित किसान का आरोप है कि 6 मार्च 2025 को स्टे आदेश के बावजूद, हरीश लाखा ने विक्रेता विजया से फर्जी इकरारनामा करवा लिया, जो न्यायालय की अवमानना और धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है।
राजकुमार ने उपमुख्यमंत्री से शिकायत कर मांग की है कि हरीश लाखा, चिन्मय, विजया, चंद्रेश सैनी समेत सभी दोषियों के खिलाफ आईपीसी की गंभीर धाराओं, गैंगस्टर एक्ट, रंगदारी, जालसाजी, धोखाधड़ी, कोर्ट की अवमानना और हत्या के प्रयास में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए।
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