एडीएम ऋतु पुनिया बनीं किसानों की हमदर्द, चिलचिलाती धूप में खेतों में उतरीं, दरांती से काटा गेहूं,सरकारी अफसर नहीं, आज किसानों की बेटी बनकर दिखा जमीनी जुड़ाव
पीलीभीत। सरकारी अफसरों को अक्सर आप फाइलों में उलझे देखते हैं, लेकिन पीलीभीत की एडीएम ऋतु पुनिया ने अफसरशाही की परिभाषा ही बदल दी। चिलचिलाती धूप, तपता आसमान और गेहूं के खेतों के बीच जब एक महिला अफसर दरांती लेकर किसानों के साथ गेहूं काटती नजर आईं, तो हर कोई हैरान रह गया।
यह नजारा था पूरनपुर तहसील के एक गांव का, जहां एडीएम वित्त एवं राजस्व ऋतु पुनिया अचानक किसानों के बीच पहुंच गईं। न कोई दिखावा, न कोई औपचारिकता... बस दिल से किसानों के बीच बैठकर उनकी जिंदगी को महसूस किया।
गेहूं कटाई कर किसानों का बढ़ाया हौसला
एडीएम ने खेत में पहुंचकर दरांती उठाई और महिला किसानों के साथ गेहूं की कटाई में जुट गईं। उनके इस व्यवहार ने किसानों के दिल जीत लिए। किसान रामसिंह, देवकी नंदन और शीलावती देवी ने कहा – "आज पहली बार लगा कि सरकार सच में हमारे पास आई है। मैडम ने सिर्फ हमारी बातें नहीं सुनीं, बल्कि हमारे दर्द को भी समझा।"
किसानों को दी राहत भरी जानकारी
एडीएम ने किसानों को बताया कि जिन किसानों के पास 100 क्विंटल या उससे अधिक गेहूं है, उनके खेत या घर से ही सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है। अब मंडी में लाइन लगाने की जरूरत नहीं। गेहूं बेचने के दो दिन के भीतर पैसा सीधे किसानों के खाते में पहुंचेगा।
मंडी और क्रय केंद्रों का लिया जायजा
दौरे के दौरान एडीएम ने मंडी समिति और खरीद केंद्रों का निरीक्षण कर व्यवस्था परखीं। अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि किसानों को किसी भी तरह की दिक्कत न हो।
एडीएम ऋतु पुनिया ने कही दिल छू लेने वाली बात
"किसान हमारे अन्नदाता हैं। उनकी मेहनत का सम्मान करना ही प्रशासन का असली काम है। सरकार की मंशा है कि किसानों को हर सुविधा उनके द्वार तक मिले।"
किसानों के चेहरों पर आई मुस्कान
यह पहल किसानों के लिए उम्मीद की एक नई किरण बन गई। खेतों में उतरकर उनके साथ काम करने वाली एडीएम ऋतु पुनिया ने यह साबित कर दिया कि अगर अफसर जमीन से जुड़ जाएं तो बदलाव असंभव नहीं।
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