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भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं पर हो सख्त कार्रवाई: सलमान मियां

भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं पर हो सख्त कार्रवाई: सलमान मियां


बरेली।
जमात रज़ा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान हसन खान (सलमान मियां) ने कहा कि देश में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं पर कड़ी कार्रवाई जरूरी है। उन्होंने कहा कि हाल ही में भाजपा नेता संगीत सोम द्वारा दिया गया विवादित बयान देश की गंगा-जमुनी तहजीब को ठेस पहुंचाने वाला है। उन्होंने इस बयान को समाज में तनाव और धार्मिक टकराव को बढ़ाने वाला करार दिया। सलमान मियां ने कहा, "ऐसे बयान सामाजिक सौहार्द और कानून के शासन को चुनौती देते हैं। जब समाज को एकजुटता और शांति की सबसे अधिक आवश्यकता है, तब कुछ राजनीतिक नेता अपने स्वार्थ के लिए समाज में जहर घोल रहे हैं। ऐसे नेताओं पर सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।" उन्होंने मांग की कि भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं को चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया जाए, ताकि वे राजनीतिक फायदे के लिए समाज को नफरत की आग में झोंक न सकें।

नागपुर दंगे का दिया उदाहरण

सलमान मियां ने हाल ही में नागपुर में हुए सांप्रदायिक दंगे का उदाहरण देते हुए कहा कि यह पूरी तरह से भड़काऊ बयानों का नतीजा था। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ असामाजिक तत्व निर्दोष लोगों को झूठे मामलों में फंसाने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि ऐसे मामलों में निष्पक्ष जांच कर सच्चाई सामने लाई जाए।

सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वालों पर हो सख्ती

बैठक में शामिल हाफिज इकराम खान ने कहा कि सोशल मीडिया आज के दौर में एक शक्तिशाली माध्यम बन चुका है, लेकिन कुछ लोग इसे गलत सूचना और नफरत फैलाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे भड़काऊ कंटेंट पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि समाज में अमन-चैन कायम रहे।

मीडिया और जनता को रहना होगा सतर्क

सलमान मियां ने कहा कि लोकतंत्र में सभी धर्मों का सम्मान होना चाहिए। कोई भी व्यक्ति या नेता यदि समाज में सांप्रदायिकता फैलाने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ भारतीय संविधान के तहत सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज को जागरूक करने के लिए मीडिया और सोशल मीडिया का सही उपयोग जरूरी है।

बैठक में शामिल प्रमुख उलेमा

बरेली मरकज़ में हुई इस बैठक में कई प्रमुख उलेमा शामिल रहे, जिनमें डॉ. मेहंदी हसन, मोइन खान, समरान खान, मुफ्ती निज़ाम, मुफ्ती अब्दुल, मुफ्ती शहरयार, हाफिज बिलाल, मौलाना शम्स, मुफ्ती अली रजा आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

सरकार से निष्पक्ष कार्रवाई की मांग

बैठक के अंत में सभी उलेमा ने सरकार, न्यायपालिका और प्रशासन से अनुरोध किया कि सांप्रदायिकता फैलाने वाले नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि जनता को भी सतर्क रहना होगा और ऐसे भ्रामक बयानों के खिलाफ आवाज उठानी होगी, ताकि देश में शांति बनी रहे।


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