समर्थन मूल्य बनाम बाजार भाव: किसानों के लिए बड़ा फैसला!
बरेली। इस बार गेहूं का बाजार भाव सरकार द्वारा तय किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को चुनौती दे रहा है। सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य ₹2425 प्रति क्विंटल तय किया है, जबकि बाजार में इसका भाव ₹2800-₹2900 तक पहुंच चुका है। ऐसे में किसानों के सामने बड़ा सवाल यह है कि वे अपनी उपज सरकारी केंद्रों पर बेचें या खुले बाजार में अधिक मुनाफा कमाएं।
खरीद केंद्रों पर सन्नाटा, बिचौलियों की नजर
जिले में 131 गेहूं खरीद केंद्रों की शुरुआत 17 मार्च से कर दी गई है, लेकिन कटाई न होने के कारण अभी वहां सन्नाटा पसरा हुआ है। खाद्य विपणन विभाग किसानों को सरकारी खरीद केंद्रों तक लाने के लिए प्रयासरत है। कृषि विभाग किसानों को मैसेज भेजकर केंद्रों पर लाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन ऊंचे बाजार भाव के चलते किसान झिझक रहे हैं।
इस स्थिति का फायदा उठाने के लिए बिचौलिए भी सक्रिय हो गए हैं। कटाई से पहले ही वे किसानों से संपर्क कर उनकी फसल की बुकिंग कर रहे हैं और अधिक दाम व तुरंत भुगतान का लालच दे रहे हैं।
प्रशासन की सख्ती, किसानों के हित में प्रयास
सरकार चाहती है कि अधिक से अधिक किसान अपनी फसल सरकारी केंद्रों पर बेचें। कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने निर्देश दिए हैं कि खरीद केंद्रों पर किसानों को 48 घंटे के भीतर भुगतान किया जाए। इसके अलावा, डीएम ने सभी एसडीएम को निर्देशित किया है कि वे खरीद प्रक्रिया की नियमित निगरानी करें और किसानों को सहयोग दें।
अब देखना यह है कि अप्रैल के पहले सप्ताह में गेहूं की कटाई शुरू होने के बाद किसान सरकारी खरीद केंद्रों की ओर रुख करते हैं या अधिक कीमत के चलते बाजार में बेचने का फैसला लेते हैं। फिलहाल, समर्थन मूल्य को बाजार भाव से कड़ी चुनौती मिल रही है।
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