रमज़ान का तीसरा जुमा: मस्जिदों में अदा की गई नमाज़, अमन-ओ-चैन की मांगी गई दुआ
बरेली। रमज़ान के मुबारक महीने के तीसरे जुमे पर शहर की मस्जिदों में अकीदतमंदों की भारी भीड़ उमड़ी। रोज़ेदारों ने जुमे की नमाज़ अदा की और मुल्क में अमन-ओ-चैन, भाईचारे और खुशहाली के लिए खास दुआएं मांगी। मस्जिद नोमहला शरीफ़ में नमाज़ के बाद खुसूसी दुआ कराई गई, जिसमें बड़ी संख्या में नमाज़ियों ने शिरकत की।
तक़रीर में रमज़ान की अहमियत पर जोर
जुमे की नमाज़ से पहले मस्जिदों में तकरीर हुई, जिसमें रमज़ान की अहमियत और इबादतों के फज़ीलत पर रौशनी डाली गई। कोतवाली स्थित मोती मस्जिद में हाफ़िज़ चांद खान ने तक़रीर करते हुए कहा कि अब रमज़ान का तीसरा अशरा शुरू हो गया है, जिसे जहन्नम से निजात का अशरा कहा जाता है। उन्होंने कहा कि रमज़ान रहमतों और बरकतों का महीना है, इस दौरान की गई इबादतों का सवाब 70 गुना ज्यादा मिलता है। रोज़े रखना, पाँच वक्त की नमाज़ अदा करना और अल्लाह से तौबा करना ही इस पाक महीने की असली रूह है।
कुरआन मुकम्मल, नमाज़ियों से शिरकत की अपील
मस्जिद नोमहला शरीफ़ में इमाम मुफ़्ती अब्दुल बाक़ी मरकज़ी ने तक़रीर करते हुए कहा कि आज मस्जिद में कुरआन मुकम्मल किया जा रहा है। उन्होंने तमाम नमाज़ियों से इसमें शामिल होने की अपील की।
हज़रत मौला अली की शहादत पर नजर पेश की जाएगी
समाजसेवी पम्मी खां वारसी ने बताया कि 21 रमज़ान को हज़रत मौला अली की शहादत के मौके पर दरगाह नासिर मियां रहमतुल्लाह अलेह पर असर और मगरिब के बीच नजर पेश की जाएगी।
अमन और भाईचारे का पैग़ाम
समाजसेवी पम्मी खां वारसी ने तीसरे अशरे की मुबारकबाद देते हुए कहा कि हमारा शहर हमेशा अमन और भाईचारे का पैग़ाम देता आया है। इस मौके पर तमाम मुसलमानों ने देश और समाज में तरक्की, सलामती, भाईचारे और कामयाबी के लिए दुआएं मांगी।
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