Bareilly: अजय वाल्मीकि हत्याकांड के आरोपी सट्टा माफियाओं का गैंग पंजीकृत, SSP के आदेश पर हुई कार्यवाही
बरेली। हिस्ट्रीशीटर अजय वाल्मीकि की हत्या जुआ और सट्टेबाजों की मुखबिरी के शक में करने वाले सट्टा माफिया अब कानूनी शिकंजे में कायदे से फंसे हैं। एसएसपी ने हत्याकांड में शामिल आरोपियों का गिरोह पंजीकृत करा दिया है। बारादरी थाना प्रभारी को गिरोह की गतिविधियों पर लगातार निगरानी व कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। एसएसपी के आदेश पर बारादरी थाना क्षेत्र के जिस गिरोह को पंजीकृत कराया गया है, उसमें पांच बदमाश शामिल हैं। इनमें विनय को गैंग लीडर बनाते हुए नितिन, राहुल, भगवान दास उर्फ लाले, सट्टा माफिया जगमोहन उर्फ तन्नू को शामिल किया गया है। इंस्पेक्टर बारादरी की रिपोर्ट पर अजय वाल्मीकि हत्याकांड के आरोपियों पर गैंग पंजीकरण की कार्रवाई की गई है। पुलिस के मुताबिक विनय का गिरोह जिला स्तर पर वर्चस्व के लिए हत्या करता है। इसलिए इनकी निगरानी करना आवश्यक है।
पुलिस ने गैंग लीडर और सदस्यों की अलग-अलग त्रिनेत्र आईडी बनाई हैं। गैंग सदस्यों को पहचानने वाले लोगों और उनके परिजनों का डाटा भी पुलिस के पास रहेगा। गैंग के सभी सदस्यों के फोटो व रिकार्ड भी डीसीआरबी के पास रहेगा, इनके जमानतदारों व मददगारों की भी फेहरिस्त बनाई गई है ताकि इनकी खुराफातों के बाद मददगारों पर भी पुलिस कार्रवाई कर सके।
तन्नू और भगवान स्वरूप ने फिर शुरू किया सट्टे का धंधा
अजय की हत्या प्रेमनगर थाने के पास ताबड़तोड़ गोलियां मारकर की गई थी। हालांकि घटनास्थल बारादरी थाना क्षेत्र में ही था। हत्या का उद्देश्य अजय की सट्टा के धंधे में बढ़ता दखल और सट्टा माफिया जगमोहन उर्फ तन्नू की बादशाहत को चुनौती देना था। बड़े पैमाने पर जुआ कराने वाले भगवान दास उर्फ लाले व विनय को भी इस बात का डर था कि अजय उनकी गोपनीय शिकायतें करके धंधे को प्रभावित कर रहा है। अजय की हत्या के बाद बड़ी मुश्किल से पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी कर सकी थी। गिरोह के सदस्य जमानत पर छूटकर दोबारा से सट्टा व जुआ के धंधे में उतर गए हैं।
भगवान स्वरूप और तन्नू पर हो चुका इनाम घोषित
भगवान स्वरूप और जगमोहन पर सितंबर 2023 में एसएसपी ने 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। जगमोहन उर्फ तन्नू की हिस्ट्रीशीट खोलने की तैयारी भी बारादरी पुलिस ने की है क्योंकि जगमोहन पर दर्ज मुकदमों की फेहरिस्त काफी लंबी है। जगमोहन पर करीब 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि अजय वाल्मीकि की हत्या के आरोपी कुछ लोग अनैतिक धंधों में लिप्त बताए गए थे। इनकी भूमिका की जांच कराई गई। इसके बाद यह गिरोह पंजीकृत किया गया है। इस गिरोह के सदस्यों की लगातार निगरानी कराई जाएगी। इन्होंने कुछ भी गलत किया तो इनके खिलाफ पुलिस और बड़ी कार्रवाई करेगी। इनके मददगारों को भी नहीं बख्शा जाएगा।
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