Bareilly News: सपाइयों ने गणतंत्र दिवस का सम्मान किया कम, राजनीति ज्यादा...
बरेली। रविवार को 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर जहां पूरा देश संविधान और लोकतंत्र के प्रति अपनी निष्ठा दिखा रहा था, वहीं समाजवादी पार्टी के नेता इस दिन भी राजनीतिक रोटियां सेंकने से बजा नहीं हैं। सपा जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप ने कार्यालय पर हुए आयोजन के दौरान गणतंत्र दिवस का सम्मान करने की बजाय केंद्र सरकार पर आरोप लगाए और संविधान विरोधी होने की विरोधी होने का बयान दिया।
उन्होंने दावा किया कि "देश की सरकार की नीति और नियत संविधान विरोधी है," लेकिन उन्होंने इसके लिए कोई ठोस प्रमाण या तथ्य पेश नहीं किए। कार्यक्रम में मौजूद महानगर अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी ने भी सरकार को हटाने और सत्ता में आने की बात करते हुए इसे एक राजनीतिक रैली जैसा रूप दे दिया।
गणतंत्र दिवस पर राजनीतिक एजेंडा
पूर्व मेयर सुप्रिया ऐरन ने भी "संविधान का सम्मान बनाए रखने" की बात तो की, लेकिन सरकार के खिलाफ तीखी टिप्पणियां कर गणतंत्र दिवस के मूल संदेश को नजरअंदाज कर दिया। ऐसा प्रतीत हुआ कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य तिरंगे का सम्मान करने से ज्यादा अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को साधना था।
कार्यक्रम में मौजूद नेताओं और कार्यकर्ताओं ने संविधान और लोकतंत्र की दुहाई देते हुए, इसे बचाने की जिम्मेदारी लेने की बात तो की, लेकिन उनके भाषणों में सरकार पर आरोप लगाने और जनता को साधने की कोशिश ज्यादा झलकी।
राजनीतिक मंच या राष्ट्रीय पर्व?
इस आयोजन में तिरंगा जरूर फहराया गया, लेकिन वह भी राजनीति के साये में दब गया। मिठाई वितरण और सलामी जैसे औपचारिक कार्यक्रम तो हुए, लेकिन उनमें भी राजनीतिक माहौल और नेताओं की बयानबाजी हावी रही।
ऐसा लगता है कि समाजवादी पार्टी ने गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र पर्व को भी अपनी राजनीति का साधन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
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