डीजी बेसिक शिक्षा से स्कूल ग्रांट को एसएमसी खातों में भेजने के लिए लिखा पत्र
शिक्षकों के सामने आ रही तमाम व्यावहारिक समस्याओं के कारण महानिदेशक स्कूली शिक्षा को लिखा पत्र, सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) बरेली मंडल बरेली के माध्यम से भेजा पत्र
बरेली। पीएफएमएस खातों से हो रही समस्याओं को लेकर पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के मंडल अध्यक्ष विनोद कुमार शर्मा ने महानिदेशक स्कूली शिक्षा कंचन वर्मा को एक पत्र सहायक शिक्षा निदेशक बरेली मंडल बरेली विनय कुमार के माध्यम से प्रेषित किया है इस पत्र में मंडल अध्यक्ष विनोद कुमार शर्मा बताते हैं कि पिछले बर्ष से परिषदीय विद्यालयों को प्रतिबर्ष आबंटित विभिन्न मदों की अलग-अलग ग्रांट्स को पीएफएमएस खातों में भेजा जा रहा है, और वह भी मार्च के तीसरे सप्ताह में, विभाग द्वारा आनन-फानन में स्कूलों को प्राप्त होने वाली विभिन्न प्रकार की धनराशि पीएफएमएस खातों में भेज दी जाती है और तत्काल उस धनराशि को निकाल कर उपयोग करने के निर्देश दिए जाते हैं। चूंकि मार्च माह के अंतिम कार्य दिवसों में बैंकों में क्लोजिंग का कार्य चलता है और विभाग भी जो प्रशिक्षण पूरे साल भर नहीं कर पाता वह प्रशिक्षण भी मार्च माह के अंत में ही कराता है। जिसकी वजह से अध्यापक भी उन प्रशिक्षण में व्यस्त रहते हैं। इसी के साथ शिक्षकों के लिए विद्यालयों में बार्षिक परीक्षाओं का सुचितापूर्ण सचालन मूल्याकन, परीक्षाफल वितरण, लोकसभा चुनाव प्रशिक्षण, बीएलओ कार्य, एमडीएम रिपोर्ट, माह के अंतिम दिन सभी महत्वपूर्ण पंजिकाओं को पूर्ण करने के साथ-साथ विद्यालयों का विधिवत संचालन आदि कार्य करने होते हैं। इतना सब करने में एक अप्रैल होते ही पीएफएमएस खातों से ग्राट गायब हो जाती है। जिसका खामियाजा अध्यापक की जेब पर सीधा पड़ता है। क्योंकि विभागीय आदेश के अनुसार जब अध्यापक को पता चलता है कि उसके पीएफएमएस खाते में विभिन्न मदों की धनराशि आ चुकी है तो वह आनन-फ़ानन में उस धनराशि के निकासी के लिए जरूरी आवश्यक वस्तुओं का क्रय करना प्रारम्भ कर देता है। लेकिन जब उनका भुगतान पीएफएमएस खाते के द्वारा जेनरेट पीपीए के माध्यम से नही हो पता तो अध्यापकों को बाजार और समाज में अपना सम्मान बचाने के लिए बाजार से खरीदे हुए सामान का भुगतान अपनी जेब से करना होता है। पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के मंडल अध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार शर्मा ने इसी तरीके की तमाम समस्याओं से संबंधित एक ज्ञापन के माध्यम से महानिदेशक को शिक्षकों की समस्याओं से अवगत कराया है। डॉ. शर्मा ने महानिदेशक से भेजे गए पत्र में आग्रह किया है कि पुरानी व्यावस्था जिसमें विद्यालय प्रबंध समिति खाते से सभी प्रकार की मदों का संचालन किया जाता था उसे लागू किया जाए और इस नई प्रणाली को तत्काल बंद किया जाए। इस नई प्रणाली से एक तरफ परिषदीय विद्यालयों को भी क्षति पहुंच रही है। वहीं दूसरी तरफ अध्यापकों की समस्याएं भी बढ़ती जा रही है।
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