डॉ. फरमान हसन को मिला भारत गौरव रत्न, 850 बच्चों को मुफ्त शिक्षा, 1700 का इलाज
बरेली। मजहब से ऊपर उठकर इंसानियत की सेवा करने वाले डॉ. फरमान हसन खान उर्फ फरमान मियां को केंद्र सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने भारत गौरव रत्न सम्मान से सम्मानित किया है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनके योगदान की सराहना देश-विदेश में हो रही है।
850 से अधिक छात्रों को उन्होंने नि:शुल्क कोचिंग दी, जिनमें से 33 छात्र नीट में चयनित होकर डॉक्टर बन चुके हैं।
साथ ही, उनकी संस्था आला हजरत ताजुश्शरिया वेलफेयर सोसाइटी ने अब तक 1700 से अधिक जरूरतमंदों का मुफ्त इलाज कराया है। डॉ. फरमान को टीबी मुक्त भारत अभियान, महिला सशक्तिकरण, और मानवाधिकार सेवा के लिए भी कई राष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं।
वे हाईकोर्ट में पंजीकृत अधिवक्ता हैं और दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ्ती असजद रज़ा कादरी के दामाद हैं।
डॉ. फरमान का मानना है मजहब नहीं, इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है।
डॉ. फरमान ने कानून में स्नातक किया है और प्रयागराज उच्च न्यायालय में अधिवक्ता हैं।
उन्हें भारत विश्वविद्यालय, कर्नाटक से मानद डॉक्टरेट की उपाधि भी मिल चुकी है। डॉ. फरमान मियां की सेवा भावना ने यह साबित कर दिया है कि जब इरादा नेक हो और सोच इंसानियत की हो, तो धर्म और जाति की दीवारें गिर जाती हैं।
बरेली के इस समाजसेवी को सम्मानित कर भारत सरकार ने मानवता की सेवा को सच्ची पहचान दी है।
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