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"पुलिस का मोनोग्राम, NGO की पहचान… लेकिन हकीकत में फर्जी चाल"

"पुलिस का मोनोग्राम, NGO की पहचान… लेकिन हकीकत में फर्जी चाल"


बरेली।
जिले में अपराध और फर्जीवाड़े पर नकेल कसने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत प्रेमनगर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। सोमवार को पुलिस ने चेकिंग के दौरान एक सफेद रंग की संदिग्ध ट्रीवर गाड़ी (UP25DM3476) को पकड़ा, जिस पर "UP POLICE", "TEHSIL HEAD ADHIKARI NGO" और "DELHI CRIME NATIONAL NGO" जैसे शब्दों के साथ पुलिस जैसी दिखने वाली रंगीन लाइट भी लगी हुई थी।

गाड़ी में बैठे दो युवक खुद को किसी संस्था से जुड़ा बता रहे थे, लेकिन वे किसी भी तरह के वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। शक के आधार पर वाहन को मौके पर ही धारा 207 एमवी एक्ट में सीज कर लिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए धारा 318(4) BNS के तहत मुकदमा भी दर्ज किया गया है।

7 वर्ष से कम दंडनीय अपराध होने के कारण आरोपितों को नहीं किया गया गिरफ्तार

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, पकड़े गए युवकों का अपराध ऐसा है, जिसकी सजा 7 वर्ष से कम है। ऐसे मामलों में कानून के अनुसार तत्काल गिरफ्तारी नहीं की जाती है। फिलहाल मामले की जांच जारी है और पुलिस यह भी खंगाल रही है कि आरोपी इस फर्जी वाहन का इस्तेमाल किन गतिविधियों में कर रहे थे।

पुलिस टीम की सतर्कता से टला बड़ा अपराध

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बरेली के निर्देशन में, पुलिस अधीक्षक नगर और क्षेत्राधिकारी नगर प्रथम के पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक आशुतोष रघुवंशी के नेतृत्व में चल रही चेकिंग के दौरान यह कार्रवाई की गई। पुलिस की सतर्कता और मुस्तैदी से न सिर्फ एक फर्जी वाहन पकड़ा गया, बल्कि एक बड़े फर्जीवाड़े की आशंका को भी समय रहते रोका जा सका।

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